देहरादून: उत्तराखंड में राजधानी देहरादून समेत सभी पर्यटन स्थलों पर जमा एक बड़ी समस्या बनता जा रहा है. इसका एक बड़ा कारण शहरों में जरूरत के हिसाब से पार्किंग की व्यवस्था नहीं होना भी है. हालांकि अब उत्तराखंड ट्रैफिक निदेशालय शहर में जाम के झाम को खत्म करने के लिए क्लाउड पार्किंग की व्यवस्था करने जा रहा है. इस योजना से जहां शहर में ट्रैफिक व्यवस्था सुधरेगी तो वहीं लोगों के लिए रोजगार के अवसर भी खुलेगे.
दरअसल, उत्तराखंड के मुख्य पर्यटन स्थलों जैसे मसूरी, देहरादून, हरिद्वार, ऋषिकेश और नैनीताल जैसी जगहों पर हर साल पर्यटकों की संख्या बढ़ती जा रही है. टूरिस्ट सीजन में तो इन पर्यटन स्थलों पर कई बार पैर रखने की जगह भी नहीं बचती हैं. वहीं, पार्किंग की पर्याप्त व्यवस्था न होने पर इन जगहों पर जाम भी बहुत लगता है. मसूरी और नैनीताल में तो कभी-कभी ऐसी स्थिति बन जाती है कि पर्यटक पांच-पांच घंटे जाम में फंस जाते है. वहीं पर्यटकों के साथ स्थानीय लोगों को भी जाम से दो चार होना पड़ता है.
पुलिस महानिरीक्षक और यातायात निदेशक अरूण मोहन जोशी (ETV Bharat) ट्रैफिक निदेशालय ने बनाई योजना: इसीलिए अब ट्रैफिक निदेशालय प्रदेश में क्लाउड पार्किंग का प्लान तैयार का रहा है. इसके लिए सबसे पहले बड़े शहरों का डाटा इकट्ठा किया जा रहा है कि वहां सीजन और ऑफ सीजन में कितने वाहन आते हैं. इसके हिसाब से ही पार्किंग की व्यवस्था की जाएगी. यह सारा काम आउट सोर्स कंपनी को दिया जाएगा.
क्लाउड पार्किंग के फायदे: क्लाउड पार्किंग की तहत कोई भी टूरिस्ट अपनी गाड़ी से पर्यटक स्थल के नजदीक पहुचता है तो वहां पर उसे एक ड्राइवर मिलेगा, जिसका काम गाड़ी को अन्यत्र जगह पर पार्क करने का होगा. उस स्थान से पर्यटक को उनके डेस्टिनेशन या होटल तक पहुंचाने के लिए स्थानीय प्रशासन व्यवस्था करेगा.
वहीं जब टूरिस्ट को गाड़ी की जरूतर होगी तो उसे उसी स्थान पर गाड़ी मिल जाएगी, जहां उसको चाहिए. इस योजना की शुरुआत पर्यटक स्थल मसूरी और नैनीताल से की जाएगी. क्योंकि इन दोनों शहरों में यातायात जाम की सबसे बड़ी समस्या है और यहां अधिकतर बाहरी राज्यों से पर्यटक आते हैं.
होटल कारोबारियों ने किया योजना का स्वागत: वहीं, होटल संचालक ने भी क्लाउड पार्किंग योजन का स्वागत किया है. मसूरी के होटल कारोबारियों का कहना है कि सीजन के दौरान पर्यटकों को काफी लंबा जाम झेलना पड़ता है. कई बार तो ऐसा होता है कि पर्यटक जाम के कारण वापस चले जाते है. इसका असर उनके व्यापार पर भी पड़ता है. अगर यह योजना शुरू होती है तो बाहरी राज्यों से आने वाले पर्यटकों को जाम में फंसना नहीं पड़ेगा. इस योजना से जहां सड़कों पर पार्किंग की समस्या का हल मिलेगा तो वहीं इस योजना से युवाओं को रोजगार भी मिलेगा. साथ ही टूरिस्टों को भी पार्किंग के लिए नहीं घूमना पड़ेगा, जिससे जाम की समस्याओं से भी निजात मिलेगी.
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