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लोकसभा चुनाव: कैंडिडेट के खर्च पर निगरानी रखेगी एक्सपेंडिचर टीम, शराब और कैश के मूवमेंट पर भी रहेगी नजर - Lok Sabha Election 2024

EC Monitoring of Candidates Expenses लोकसभा चुनाव 2024 के तहत प्रत्याशियों के खर्च पर निगरानी के लिए राज्य निर्वाचन आयोग ने एक्सपेंडिचर टीम की तैनाती कर दी है. इसके साथ ही कैश और शराब के मूवमेंट पर नजर रखने के लिए जिले में एफएसटी और एसएसटी गठित की है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 18, 2024, 7:21 PM IST

Updated : Mar 18, 2024, 7:55 PM IST

कैंडिडेट के खर्च पर निगरानी रखेगी एक्सपेंडिचर टीम.

देहरादून: आगामी लोकसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है. राजनीतिक पार्टियों का चुनावी कैंपेन जारी है. वहीं, उत्तराखंड निर्वाचन आयोग ने प्रत्याशियों के होने वाले कार्यक्रमों के साथ ही अन्य खर्चों पर नजर रखना शुरू कर दिया है. लोकसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग ने प्रति प्रत्याशी 95 लाख रुपए तक के खर्च को ही अनुमति दी है. बावजूद इसके अमूमन लोकसभा चुनाव के दौरान प्रति प्रत्याशी करीब 4 से 5 करोड़ रुपए खर्च का अनुमान होता है. ऐसे में चुनाव के दौरान शराब और नकदी पर लगाम लगाने के साथ ही प्रत्याशियों के खर्चों पर विस्तृत निगरानी रखने के लिए निर्वाचन आयोग ने फुल प्रूफ प्लान तैयार किया है.

चुनाव के दौरान प्रत्याशी चुनाव जीतने के लिए पानी की तरह पैसा बहाते हैं. चुनाव के दौरान धन बल का इस्तेमाल चुनाव को प्रभावित करने में ना हो, इसके लिए ही निर्वाचन आयोग की ओर से पार्टियों और प्रत्याशियों के लिए गाइडलाइन जारी की जाती है. ताकि प्रति प्रत्याशी तय किए गए खर्च के मुताबिक ही चुनाव लड़े. लेकिन वास्तव में ऐसा होता नहीं है. हालांकि, उत्तराखंड की बात करें तो प्रदेश की भौगोलिक परिस्थितियां अन्य राज्यों से भिन्न है. अभी तक हुए चुनाव में देखा गया है कि चुनाव के दौरान पर्वतीय क्षेत्रों में ठंड होने के कारण शराब का चलन काफी अधिक हो जाता है. पर्वतीय क्षेत्रों में पार्टी न सिर्फ अपने कार्यकर्ताओं के लिए शराब की व्यवस्था करती है. बल्कि प्रत्याशियों को लुभाने के लिए भी शराब का इस्तेमाल किया जाता है.

SFT और SST रखेगी निगरानी: ऐसे में शराब के चलन पर लगाम लगाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार फुल प्रूफ प्लानिंग की है. इसके तहत आयोग ने प्रति प्रत्याशी के लिए एक्सपेंडिचर टीम की तैनाती की है. संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी नमामि बंसल ने बताया कि चुनाव के दौरान कैश और शराब का दुरुपयोग न हो, इसके लिए कैश और शराब के मूवमेंट पर आयोग निगरानी रख रहा है. इसी क्रम में भारत निर्वाचन आयोग ने इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम प्रणाली विकसित की है. इसके अनुपालन के लिए जनपद स्तर तक एफएसटी और एसएसटी (Flying Squads Team and Static Surveillance Teams) गठित की गई है, जो पूरी निगरानी रख रहा है.

शैडो एक्सपेंडिचर रजिस्टर में मेंशन करना होगा खर्च का ब्यौरा:नमामि बंसल ने बताया कि प्रति प्रत्याशी को 95 लाख खर्च की अनुमति दी गई है. लेकिन उससे अधिक प्रत्याशी खर्च न करे, इसके लिए प्रत्येक प्रत्याशी का शैडो एक्सपेंडिचर रजिस्टर होता है. इसमें प्रत्याशी की ओर से चुनाव के दौरान किए जाने वाले गतिविधियों में प्रति चीज के हिसाब से ब्यौरा मेंटेन किया जाता है. इसके बाद आयोग की ओर से तय किए गए स्टैंडर्ड रेट से खर्च निकाला जाता है. इसके साथ ही हर प्रत्याशी के सभी चुनावी कार्यक्रमों की वीडियो रिकॉर्डिंग करते हुए संबंधित कार्यक्रम में प्रत्याशी ने कितना खर्च किया, उसकी जानकारी निकाली जाती है.

दो दिन में 40 हजार बिल्डिंग्स से हटाए गए बैनर-पोस्टर: संयुक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद प्रदेश भर में इसके अनुपालन को लेकर जिलों में अलग-अलग टीमों की ओर से कार्रवाई की जा रही है. इसमें बैनर-पोस्टर को हटाने, शराब और कैश जब्ती की कार्रवाई की जा रही है. इसी क्रम में पिछले दो दिनों में प्रदेश भर में 40 हजार बिल्डिंग्स से बैनर-पोस्टर हटाए गए हैं. इसमें सरकारी और निजी बिल्डिंग शामिल है. आदर्श आचार संहिता लगने से पहले ही करीब सात करोड़ रुपए की शराब और नकदी पहले ही जब्त की जा चुकी है. वर्तमान समय में 293 फ्लाइंग स्क्वायड और 158 क्विक रिस्पॉन्स टीम गठित की जा चुकी है, जो आचार संहिता लगने के बाद से ही काम कर रही है.

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Last Updated : Mar 18, 2024, 7:55 PM IST

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