भरतपुर: प्रसूता व नवजात की मौत पर एक निजी अस्पताल में सात घंटे तक हंगामा मचा. अस्पताल प्रशासन पर उपचार में लापरवाही का आरोप है. साथ ही आरोप है कि प्रसूता की मौत होने के बाद उसे रेफर किया गया. इसको लेकर परिजनों ने करीब 7 घंटे तक अस्पताल में हंगामा किया. मौके पर कोतवाली थाना पुलिस, सीओ ग्रामीण, एडीएम और तहसीलदार पहुंच गए. समझाइश के बाद मृतका का पोस्टमार्टम कराया का सका. वहीं, मामले में मर्ग दर्ज होने पर एसडीएम को जांच सौंपी जाएगी.
डीग जिले के विलावटी निवासी पति कृष्णा ने थाना कोतवाली में परिवाद दिया है, जिसमें लिखा है कि वो अपनी गर्भवती पत्नी 20 वर्षीय डॉली को 27 अगस्त को शाम करीब 4.30 बजे हॉस्पीटल लेकर गया. डॉक्टर के बताए अनुसार 40 हजार रुपए हॉस्पीटल काउंटर पर जमा भी करवा दिए. डॉली ने ऑपरेशन से पुत्र को जन्म दिया. डॉक्टर ने बच्चे की हालत गंभीर बताते उसे रेफर कर दिया. परिजन नवजात बच्चे को जनाना अस्पताल ले गए, लेकिन उसकी उपचार के दौरान मौत हो गई.
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बाद में डॉक्टर पत्नी डॉली का उपचार करते रहे. बुधवार दोपहर डॉक्टर ने पत्नी डॉली की हालत गंभीर बताते हुए उसे भी रेफर कर देने की बात कही. मृतका के पति का आरोप है कि पत्नी की मौत पहले ही हो चुकी थी. उपचार में लापरवाही के कारण उसकी पत्नी और बच्चे की मौत हुई है. मंगलवार रात को कई बार डॉक्टर से हमने पत्नी से मिलने देने को कहा, लेकिन हमें मिलने नहीं दिया गया. बुधवार दोपहर करीब एक बजे अचानक हालत गंभीर बताकर अन्य कहीं उपचार कराने के लिए ले जाने को कह दिया. अस्पताल प्रशासन ने कुल 68 हजार रुपए इलाज के नाम पर लिए.
परिजनों ने उपक्रम लापरवाही का आरोप लगाते हुए अस्पताल में हंगामा कर दिया. हंगामा को देखते हुए मौके पर भारी संख्या में पुलिस बल भी पहुंच गया. अस्पताल में करीब 7 घंटे तक हंगामा चला. मौके पर कोतवाली पुलिस, सीओ ग्रामीण आकांक्षा, एसडीएम और तहसीलदार भी पहुंच गए. काफी समझाइश के बाद मृतका का पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों को सौंप दिया गया.
मामले में सीओ ग्रामीण आकांक्षा ने बताया कि डॉली की मौत पर हंगामा कर रहे परिजनों को समझाइश कर शव को एसडीएम की मौजूदगी में मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंप दिया है. मृतका के पति कृष्णा के परिवाद पर मर्ग दर्ज की जाएगी, जिसकी जांच एसडीएम करेंगे. वहीं हॉस्पीटल के संचालक का कहना है कि डॉली की हालत अत्यंत गंभीर थी. परिजन उसे पहले कहीं दो हॉस्पीटलों में उपचार करवाकर यहां लेकर आए थे. हालत गंभीर होने के कारण उसका वेंटीलेटर पर ही ऑपरेशन किया गया था. नवजात बच्चा भी विकृत था. इसलिए उसे रेफर कर दिया. प्रसूता की हालत ज्यादा खराब होने पर उसे रेफर किया गया, लेकिन परिजनों ने एंबुलेंस में उसकी ऑक्सीजन को हटा दिया और उसे मरी हुई बताकर हंगामा करने लगे.