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आंगनबाड़ी कार्यकर्ता का बेटा बना SDM, बताया कैसे UPPCS 2023 में हासिल की सफलता, देखें VIDEO - यूपी पीसीएस रिजल्ट 2023

UPPCS 2023 Result: छोटे से गांव कालानी में 3 मार्च 1996 को जन्मे माधव उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने 2012-2014 में क्रमशः हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा नवोदय विद्यालय एटा से पास की. वर्ष 2017 में पीजी कॉलेज गंजडुंडवारा से स्नातक किया. इसके बाद 2017 से 2019 के बीच उन्होंने डीएलएड की परीक्षा पास की.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 24, 2024, 12:54 PM IST

कासगंज के माधव उपाध्याय ने बताया कैसे UPPCS 2023 में हासिल की सफलता.

कासगंज: यूपी के कासगंज में एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के बेटे ने यूपी पीसीएस 2023 की परीक्षा में 10वीं रैंक हासिल कर मां का मान बढ़ाया है. कासगंज के रहने वाले माधव उपाध्याय ने यूपी पीसीएस 2023 में अपने चौथे प्रयास में 10वीं रैंक पाकर जिले को गौरवान्वित किया है. पीसीएस में चयन होने के बाद परिवार में खुशी का माहौल है. ईटीवी भारत से बात करते हुए माधव ने बताया कि किस तरह उन्होंने सफलता हासिल की.

कासगंज जिले की पटियाली तहसील क्षेत्र के एक छोटे से गांव कालानी में 3 मार्च 1996 को जन्मे माधव उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने 2012-2014 में क्रमशः हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा नवोदय विद्यालय एटा से पास की. वर्ष 2017 में पीजी कॉलेज गंजडुंडवारा से स्नातक किया. इसके बाद 2017 से 2019 के बीच उन्होंने डीएलएड की परीक्षा पास की.

इसके बाद माधव ने आगरा यूनिवर्सिटी से हिंदी साहित्य में प्राइवेट परा स्नातक किया. जिसके बाद माधव ने वर्ष 2020, 2021,2022 में क्रमशः यूपी पीसीएस के लिए पहला दूसरा और तीसरा प्रयास किया. लेकिन, वह असफल रहे. इसी बीच 2023 में माधव का लोकसेवा आयोग में चयन हो गया और उन्हें सहायक समीक्षा अधिकारी के रूप में प्रयागराज में जिम्मेदारी मिली. नौकरी में रहते ही माधव ने 2023 में ही यूपी पीसीएस का फॉर्म भरा. आखिरकार माधव की मेहनत इस चौथे प्रयास में रंग लाई और उन्होंने 2023 की यूपी पीसीएस की परीक्षा पास करते हुए 10वीं रैंक हासिल की.

माधव के पिता हरिओम उपाध्याय एक किसान हैं. वहीं माधव की मां आशा देवी सिढपुरा ब्लॉक में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता हैं. परिवार में दो बहन खुशबू और सुगंधी हैं तो एक भाई मोहित उपाध्याय है. मोहित उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने हिंदी माध्यम से यूपीपीसीएस में सफलता हासिल की है. यह मेरा चौथा प्रयास था. पिछले तीन प्रयासों में मैं मेंस में रह जाता था. इसका कारण था कि पहले वैकल्पिक विषय होते थे. लेकिन सरकार ने उस सिलेबस को बदला और वैकल्पिक विषयों को हटा दिया जिसके चलते मुझे आसानी हुई और मैंने इसमें सफलता पाई. माधव अपनी सफलता का श्रेय ईश्वर, अपने माता-पिता को देते हैं.

माधव उपाध्याय ने बताया कि उन्होंने ना तो कोचिंग की और ना ही ऑनलाइन क्लास ली. बस सोशल मीडिया के माध्यम से उन्होंने पढ़ाई की. उन्होंने सिलेबस और टॉपिक को नोट किया. इसके अलावा उत्तर लिखने का अभ्यास किया. माधव उपाध्याय बताते हैं कि उप जिलाधिकारी के पद पर नियुक्ति होने के बाद उनकी पहली प्राथमिकता शिक्षा के क्षेत्र में सुधार करना होगा.

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