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यूपी का एक भी स्कूल A कैटेगरी में नहीं, सभी आश्रम पद्धति विद्यालय के प्रदर्शन में गिरावट - UP Board grading for schools

यूपी बोर्ड की ओर से जारी ग्रेडिंग में इस साल विद्यालयों के प्रदर्शन में गिरावट. 51 विद्यालयों में 9 विद्यालय बी कैटेगरी में

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यूपी बोर्ड ग्रेडिंग (photo credit-Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 5, 2024, 2:23 PM IST

लखनऊ: यूपी के सभी 75 जिलों में समाज कल्याण विभाग के द्वारा संचालित आश्रम पद्धति विद्यालयों के प्रदर्शन में इस साल गिरावट दर्ज की गई है. यूपी बोर्ड के अधीन संचालित इन विद्यालयों में इस बार कोई भी विद्यालय ए कैटेगरी में नहीं आ पाया है. माध्यमिक शिक्षा परिषद की ओर से कराए गए विद्यालयों की ग्रेडिंग में प्रदेश के सभी आश्रम पद्धति विद्यालय के प्रदर्शन में गिरावट दर्ज किया गया है. इस बार की ग्रेडिंग में प्रदेश के 51 आश्रम पद्धति विद्यालय में से 9 बी कैटेगरी में, 25 सी कैटेगरी में और 17 डी कैटेगरी में आए हैं. जबकि बीते साल हुए इसी ग्रेडिंग में सर्वोदय बालिका विद्यालय प्रयागराज और सर्वोदय बालिका विद्यालय देवरिया ए कैटेगरी में आए थे.

A कैटेगरी में एक भी विद्यालय नहीं:समाज कल्याण विभाग ने यूपी बोर्ड के आश्रम पद्धति विद्यालयों के लिए पाठ्यक्रम तैयार किया था. पाठ्यक्रम के अनुसार जुलाई से 15 अगस्त की पढ़ाई कराएगी. इसके बाद अंग्रेजी स्कूलों के तर्ज पर यूनिट टेस्ट लिया गया. परीक्षा परिणाम आने के बाद विद्यालयों में कराई गई ग्रेडिंग में परिणाम बहुत अच्छे नहीं रहे. ए प्लस और ए श्रेणी में एक भी विद्यालय नहीं आया. बीते साल यूपी बोर्ड के हाई स्कूल और इंटर परीक्षा परिणाम आने के बाद विभाग ने यूपी बोर्ड से जुड़े 51 विद्यालयों की ग्रेडिंग करने का निर्णय लिया था. जिसमें, पिछले साल दो विद्यालय ए श्रेणी में आए थे. जबकि हमीरपुर, महोबा, बांदा, कानपुर और कौशांबी के पांच विद्यालय बी श्रेणी में जगह बना पाए थे. जबकि 44 विद्यालय सी और डी श्रेणी में रहे थे.

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यूपी बोर्ड 9 मानकों पर करता है काम: विद्यालयों का मूल्यांकन यूपी बोर्ड की तरफ से विद्यालयों के मूल्यांकन के लिए नव मानक बनाए गए हैं. मानको के आधार पर 100 नंबर का एक प्रारूप तैयार किया गया है. पहले मानक में छात्रों और शिक्षकों की मासिक उपस्थिति के 10 अंक दिए जाते हैं. वही 91 से 100 फीसदी तक उपस्थित पर 10 अंक 81 से 90 फीसदी उपस्थित पर आठ अंक तय किए गए. इसी क्रम में 50% से कम उपस्थिति पर शून्य अंक दिए जाने का प्रावधान किया गया. इसी तरह हाई स्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम पढ़ाई के साथ सांस्कृतिक और खेलकूद की उपलब्धियां, विद्यालय की साफ सफाई और सुरक्षा व्यवस्था, नवाचार, स्प्लिट ऑफ सिलेबस पाठ्यक्रम की पूर्णता ऑनलाइन शैक्षिक कार्यक्रम, स्कूल की कार्यकर्म और विद्यालय में छात्र-छात्राओं के सीयूईटी, नीट, जेईई और क्लैट जैसे परीक्षा में बेहतर प्रदर्शन को मानक के तौर पर रखा गया है.

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