लखनऊ: विधानसभा सत्र के दूसरे दिन ऊर्जा विभाग को लेकर प्रश्नकाल के दौरान कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के विधायकों ने ऊर्जा मंत्री से अनुपूरक प्रश्न के तहत कई जवाब मांगे. इनमें सबसे अहम सवाल समाजवादी पार्टी के विधान परिषद सदस्य सचिन यादव ने पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड के निजीकरण को लेकर उठाया. पूछा कि इस मामले में सरकार का क्या कदम होगा? निजीकरण होगा या नहीं? उनके साथ ही पार्टी के विधायक संग्राम सिंह यादव ने भी इस सवाल को उठाया. साथ ही पूछा कि अगर सरकार निजीकरण का फैसला लेती है तो जो संविधान प्रदत्त आरक्षण की व्यवस्था कर्मचारियों के लिए की गई है, क्या वह प्राइवेटाइजेशन में लागू होगी?
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सरकार उपभोक्ताओं के हित में कदम उठाएगी. निजीकरण को लेकर विपक्ष के नेता जो सवाल कर रहे हैं, उनसे ही मैं पूछना चाहता हूं कि जब नोएडा में निजीकरण हुआ तो फिर सपा की सरकार ने निजीकरण क्यों समाप्त नहीं किया? बहुजन समाज पार्टी की सरकार में आगरा में टोरेंट पावर को काम दिया गया, यहां पर निजीकरण हुआ तो फिर जब समाजवादी पार्टी की सरकार सत्ता में आई तो वहां निजीकरण की व्यवस्था समाप्त क्यों नहीं कर दी गई?
ऊर्जा मंत्री ने कहा कि हमारा वादा है कि हम जो भी फैसला लेंगे, वह जनहित में होगा. हालांकि ऊर्जा मंत्री ने तो कोई सीधा जवाब नहीं दिया कि पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का निजीकरण होगा या नहीं, लेकिन इशारों-इशारों में विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने जरूर कह दिया कि जब पिछली सरकारों ने निजीकरण किया तो उस पर सवाल क्यों नहीं उठे? बाकी आप सभी समझदार हैं. इसका सीधा सा मतलब यह निकाला जा रहा है कि अब पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड का निजीकरण करने पर सरकार गंभीरता से विचार कर रही है.