लखनऊ :विधानसभा के बजट सत्र का आज आठवां दिन है. सुबह 10 बजे से सदन की कार्यवाही शुरू हो चुकी है. इसमें बजट पर सत्ता पक्ष व विपक्ष अपना विचार रख रहा है. नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने सरकार पर जमकर हमला बोला. यूपी का ये अब तक का सबसे बड़ा बजट है तो टोटल बजट और एक्चुअल एक्सपेंडिचर में फर्क क्यों आता है. आखिरकार सरकार खर्च क्यों नहीं कर पा रही है. बजट इतना बड़ा है तो खर्च कितना है. हाउसिंग विभाग का बजट था 7360 और खर्च हुआ 4360, इंडस्ट्री का बजट 85 करोड़ का था, खर्च 30 करोड़ हुआ, ऊर्जा में 64000 करोड़ बजट था, 43000 करोड़ ही खर्च हुए हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इस बजट से कितनों को रोजगार मिलेगा. मंडी और किसानों के लिए क्या करेंगे, फसल का सही दाम और किसानों की आय दोगुनी होगी या नहीं, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन मिलेगी या नहीं. सड़क के गड्ढे भरने का कोई बजट है या नहीं, बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर. पंछी को छाया नहीं फल लागे अति दूर. बजट बेकार का बेमतलब का है.
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार की रिपोर्ट है. सरकार पैसे नहीं खर्च कर पा रही है. सरकार जनता तक अपनी चीजों को नहीं पहुंच पा रही है. क्या शेरो-शायरी से जमीन तक बातें पहुंच जाएंगी. यूपी का बजट चाहे जितने करोड़ का हो सवाल यही रहेगा कि जनता के लिए उसमें क्या है? भारतीय जनता पार्टी की नीति आम जनता के लिए नहीं है. वह सिर्फ 10 परसेंट संपन्न लोगों के लिए बजट रखती है. 90% जरूरतमंद जनता के लिए कुछ नहीं रखती.
नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि उत्तर प्रदेश की पहली सरकार है जो आंकड़ों में उलझा रही है. हमें आंकड़ों में मातुल जाएं और सीधे-सीधे बताएं कि इस बजट से महंगाई में कितनी राहत मिलेगी. भ्रष्टाचार रोकने के लिए कितना दिया जाएगा. मंडी और जीएसटी की मार झेर रहे दुकानदार और उद्योगों के लिए क्या किया जाएगा. क्या इस बजट से किसानों की आय दुगनी होगी. अगर 7 लाख और 8 लाख करोड़ का यह बजट है तो सरकार यह स्पष्ट करे कि इसके बाद हमें चुनाव में भी जाना है. कितने की आय दुगनी होगी. मजदूरों को अपने काम की सही कीमत मिलेगी या नहीं. कर्मचारी को पुरानी पेंशन मिलेगी कि नहीं.
उन्होंने कहा कि अच्छी दवाई अच्छी पढ़ाई के लिए कितना आवंटन किया गया है. यह भी सच है कि अभी तक जितने भी बिजली के कारखाने लगाए गए थे, वह अपनी पूरी क्षमता पर नहीं चल पा रहे हैं. जो प्लांट लगा भी रहे थे वह अगर लग गए होते तो उत्तर प्रदेश को सर प्लस और सस्ती बिजली होती है. बिजली के नए प्लांट के लिए कितना बजट है. पानी घर चलाने के लिए कितने प्रावधान है.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि आप 1 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी का सपना देख रहे हैं और दिल्ली से जो खबर आती है, उसमें 5 लाख ट्रिलियन डॉलर इकोनामी का सपना दिखाया जाता है. कई सदस्य इस बात को कहते हैं खासकर भारतीय जनता पार्टी के लोग कि इतना खुशहाली और तरक्की हुई है कि विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था में शामिल हो गए हैं. विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था है लेकिन 80 करोड़ जनता मुफ्त राशन पर निर्भर है. उनकी बोरी से 5 किलो राशन की चोरी की जा रही है. विश्व की पांचवी अर्थव्यवस्था है लेकिन अग्नि वीरों की भर्ती 5 वर्ष के लिए भी नहीं है. युवाओं के लिए ना तो कोई रोजगार है और ना ही ₹500 का बेरोजगारी भत्ता. वरिष्ठ नागरिकों के लिए 5% भी नहीं है.
सपा विधायक ने बदहाली का मुद्दा उठाया : समाजवादी पार्टी की विधायक रागिनी सोनकर ने स्वास्थ्य विभाग की बदहाली का मुद्दा उठाया. मेडिकल कॉलेज में अव्यवस्था और स्टाफ की कमी की बात कही. आयुष्मान भारत योजना का बजट कम होने की बात भी कही. कहा कि इस योजना से जो अस्पताल जुड़े हुए हैं, वह भी परेशान हैं.