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देश के मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग मार्केट में 55 फीसदी हिस्सेदारी अकेले यूपी की, गोरखपुर में बोले सीएम योगी - CM Yogi in Gorakhpur

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में बड़ा बयान देते हुए कहा कि, जिस नोएडा में अपनी यूनिट बंद कर रहा था सैमसंग, उसने 2018 में वहीं लगाई दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग यूनिट. सीएम योगी की उपस्थिति में 600 छात्रों को सैमसंग इनोवेशन कैंपस के प्रशिक्षण का प्रमाणपत्र दिया गया.

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दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में सीएम योगी (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 21, 2024, 10:41 PM IST


गोरखपुर: देश का सबसे बड़ा मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग राज्य है. देश में बनने वाले मोबाइल फोन में 55 फीसद की हिस्सेदारी अकेले यूपी की है. देश में बनने वाला 60 प्रतिशत मोबाइल कम्पोनेंट भी उत्तर प्रदेश में ही बनता है. यूपी में निहित संभावनाओं की ही क्षमता है कि सैमसंग दुनिया का पहला मोबाइल डिस्प्ले यूनिट उत्तर प्रदेश में लगाया है. यह बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में सैमसंग इनोवेशन कैंपस की ओर से आयोजित प्रमाणपत्र वितरण समारोह में कही. इस दौरान मुख्यमंत्री ने अपने हाथों से आठ छात्रों को प्रमाण पत्र प्रदान किया.

सीएम योगी ने कहा कि, साल 2017 और उसके पहले के उत्तर प्रदेश के हालात से आहत दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी सैमसंग अपनी नोएडा यूनिट को बंद करना चाहती थी. मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने सैमसंग के अधिकारियों को बुलाकर बातचीत की, और उन्हें भरोसा दिया कि उनकी सभी समस्याओं का समाधान कराया जाएगा. इसका परिणाम हुआ कि, 2018 में पीएम नरेंद्र मोदी और दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून ने सैमसंग की ओर से बनाई गई दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल फोन मैन्युफैक्चरिंग फैक्ट्री का उद्घाटन किया.

सीएम ने कहा कि हमारे शिक्षण-प्रशिक्षण संस्थान ऐसे कोर्स तैयार करें जो युवाओं को अगले 20-25 सालों तक पैरों पर खड़ा कर सकें. इसके लिए संस्थानों को रिजनल, नेशनल और इंटरनेशनल आवश्यकता के अनुरूप मैपिंग कराकर कोर्स चलाने होंगे. योगी ने कहा कि मुख्यमंत्री इंटर्नशिप योजना के जरिये सरकार आत्मनिर्भर भारत की परिकल्पना को शिक्षण संस्थानों के कैम्पस से ही साकार करने जा रही है. कैंपस में ही ट्रेनिंग दिलाकर यूथ को जॉब दिलाने या स्टार्टअप शुरू करने की गारंटी दी जाएगी. इस योजना में फाइनल ईयर के छात्र के प्रोजेक्ट वर्क को किसी इंडस्ट्री में इंटर्नशिप से जोड़ा जाएगा. इसमें छात्र को आधा मानदेय सरकार और आधा मानदेय संबंधित इंडस्ट्री की ओर से दिया जाएगा.

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