RSS की बड़ी बैठक कल से उज्जैन में, सर संघचालक मोहन भागवत की मौजूदगी में क्या रणनीति बनेगी
Ujjain RSS executive meeting : राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत सोमवार रात को उज्जैन पहुंचेंगे. वह यहां 6 फरवरी को केंद्रीय कार्यकरणी के साथ अलग-अलग सत्र की बैठक में शामिल होंगे. जानें इन बैठकों में क्या रणनीति बनेगी.
उज्जैन।आरएसएस के सर संघचालक मोहन भागवत 2 दिन 6 से 8 फरवरी तक उज्जैन में रहेंगे. वह मध्यभारत प्रांत के प्रचारकों की बैठक में शामिल होंगे. भागवत शाखाओं का विस्तार, संघ के समाज में हुए कार्यक्रम, क्षेत्रों में विस्तार जैसे विषय पर प्रमुख प्रचारकों का मार्गदर्शन करेंगे. इससे पहले उज्जैन विभाग में अखिल भारतीय अधिकारी प्रवास के निमित्त विभाग के महाविद्यालयीन विद्यार्थी स्वयंसेवकों का प्राकट्य कार्यक्रम भी होगा. कार्यक्रम में मुख्य वक्ता राम दत्त चक्रधर, सहसरकार्यवाह, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ रहेगे.
लोकसभा चुनाव पर चर्चा संभव
कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. नितिन राणे कुलपति, अवंतिका विश्वविद्यालय करेंगे. इसमें 600 विद्यार्थी भाग ले रहे हैं. जो योगआसन और सामूहिक समता का प्रदर्शन करेंगे. बैठकों में संगठन और सियासत से जुड़े मामलों पर मंथन और कई मुद्दों पर अहम फैसले लिए जाएंगे. साथ ही संघ चालक और प्रांत कार्यवाह जैसे पदाधिकारियों के चुनाव भी होंगे. लोकसभा चुनाव और मोहन सरकार के फीडबैक पर चर्चा भी इन बैठकों में होने की संभावना है.
संघ पदाधिकारियों की बैठक
6-7 फरवरी को उज्जैन में संघ के पदाधिकारियों की बैठक होगी. वहीं 8 से 11 फरवरी तक मुरैना में बैठक आयोजित की जाएगी. बैठक में सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबोले, सह सरकार्यवाह डॉ. कृष्ण गोपाल, डॉ. मनमोहन वैद्य, रामदत्त चक्रधर और कई बड़े पदाधिकारी शामिल रहेंगे. बता दें कि संघ हर तीन महीने में छोटी टोली की बैठक करता है. बैठक में सम-सामयिक मामलों पर बड़े फैसले लिए जाते हैं. माना जा रहा है कि इन बैठकों में आने वाले दिनों के लिए संघ का एजेंडा तैयार होगा. भागवत 9 और 10 फरवरी को मुरैना में कार्यक्रम में स्वयंसेवकों को प्रबोधन देंगे.
वहीं, कांग्रेस ने संघ पर निशाना साधा है. कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा का कहना है कि मुरैना में RSS की आगामी 8-10 फरवरी तक होने वाली प्रांतीय बैठक में होंगे संगठनात्मक चुनाव. 1925 में गठित संघ की उम्र आज करीब 99 वर्ष की हो गई है, इतने वर्षों में संघ ने अपना पंजीयन तक नहीं करवाया. संविधान, सदस्यता तक सार्वजनिक नहीं है. बिना इसके संगठनात्मक चुनाव कैसे होंगे. इस संगठन के पास देशभर में अब अरबों की संपत्ति है, क्या इसकी ED, CBI, EOW सहित अन्य जांच एजेंसियों जांच करने की हिम्मत जुटाएंगी.