उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

गढ़वाल विवि के दो वैज्ञानिक जाएंगे मलेशिया, 13वें एशियाई एरोसोल सम्मेलन में करेंगे प्रतिभाग

गढ़वाल केंद्रीय विवि के सहायक प्रोफेसर आलोक सागर गौतम और शोध छात्र अमनदीप विश्वकर्मा एशियाई एरोसोल सम्मेलन सम्मेलन में हिस्सा लेंगे.

ASIAN AEROSOL CONFERENCE 2024
गढ़वाल विवि के दो वैज्ञानिक जाएंगे मलेशिया, (photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

श्रीनगर: 13वें एशियाई एरोसोल सम्मेलन में गढ़वाल केंद्रीय विवि के सहायक प्रोफेसर डॉ. आलोक सागर गौतम और शोध छात्र अमन दीप विश्वकर्मा शोध-पत्र प्रस्तुत करेंगे. ये सम्मेलन मलेशिया में नवंबर माह में आयोजित किया जा रहा है. सम्मेलन में विश्व के वैज्ञानिक और शोधकर्ता वातावरण में फैल रहे प्रदूषण पर चर्चा करेंगे और अपने नवीनतम शोध निष्कर्षों को प्रस्तुत करेंगे.

डॉ. आलोक सागर गौतम वर्तमान में विश्वविद्यालय के भौतिकी विभाग में वरिष्ठ सहायक प्रोफेसर हैं और उनके छात्र का यह शोध हिमालयी क्षेत्र की विशिष्ट वायु गुणवत्ता को समझने में मददगार साबित होगा. उनके मार्गदर्शन में यह प्रयोगशाला पिछले कुछ वर्षों से वायुमंडलीय विज्ञान के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान दे रही है. अंतरराष्ट्रीय मंच पर डॉ. गौतम अपना महत्वपूर्ण शोध-पत्र "पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में गढ़वाल की उच्च ऊंचाई वाले स्थल पर नए धूल के कणों के निर्माण की प्रमुख विशेषताएं" विषय पर शोध प्रस्तुत करेंगे और अमन दीप "मौसम संबंधी आंकड़ों से एरोसोल के आकार-वितरण की भविष्यवाणी के लिए मशीन लर्निंग मॉडल का विकास एवं अनुकूलन" प्रस्तुत करेंगे.

सहायक प्रोफेसर डॉ. आलोक सागर गौतम (photo-ETV Bharat)

यह शोध कार्य वायुमंडलीय विज्ञान के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण योगदान है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता और मौसम विज्ञान के समन्वय का एक अनूठा उदाहरण प्रस्तुत करता है. इसमें महत्वपूर्ण ये है कि अमन दीप को इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन में सहभागिता के लिए प्रतिष्ठित यात्रा अनुदान प्राप्त हुआ है, जो उनके शोध कार्य की गुणवत्ता और महत्व को प्रमाणित करता है.

हिमालयी वातावरणीय एवं अंतरिक्ष भौतिकी शोध प्रयोगशाला की स्थापना उत्तराखंड में एक महत्वाकांक्षी परियोजना के रूप में की गई थी. यह प्रयोगशाला हिमालयी क्षेत्र की विशिष्ट भौगोलिक और वातावरणीय परिस्थितियों के अध्ययन में विशेष योगदान दे रही है. उत्तराखंड में स्थापित यह अत्याधुनिक प्रयोगशाला वायु गुणवत्ता, मानव स्वास्थ्य पर वायु प्रदूषण के प्रभाव, जलवायु परिवर्तन, वन अग्नि की घटनाएं, वज्रपात की परिघटनाएं, वर्षा प्रतिरूप में परिवर्तन और कृत्रिम बुद्धिमत्ता एवं मशीन लर्निंग के माध्यम से मौसम पूर्वानुमान जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर उत्कृष्ट शोध कार्य कर रहे हैं.

बता दें कि डॉ. आलोक सागर गौतम 28वें भारतीय वैज्ञानिक अंटार्कटिका अभियान में भी भाग ले चुके हैं. उनके अब तक सौ से अधिक शोध पत्र विभिन्न शोध पत्रिकाओं में प्रकाशित किए गए हैं. सात पुस्तकें और चालीस पुस्तक अध्याय भी प्रकाशित हुए हैं और पंद्रह से अधिक पेटेंट्स अनुदानित व प्रकाशित हुए हैं. उन्होंने चार शोध परियोजनाओं को पूर्ण किया है और साठ से अधिक अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय कॉन्फ्रेंसों और कार्यशालाओं में शोध पत्र प्रस्तुत कर चुके हैं. उनकी अगुवाई में स्थापित हिमालयी वातावरणीय एवं अंतरिक्ष भौतिकी शोध प्रयोगशाला वायु प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और प्राकृतिक आपदाओं पर महत्वपूर्ण शोध कर रही है.

सहायक प्रोफेसर डॉ. आलोक सागर गौतम ने बताया कि शोधछात्र अमन दीप का शोध कार्य विशेष रूप से मौसम विज्ञान और कृत्रिम बुद्धिमत्ता के समन्वय पर केंद्रित है. उनके द्वारा विकसित मॉडल मौसम संबंधी आंकड़ों का उपयोग कर वायुमंडलीय कणों के वितरण की सटीक भविष्यवाणी करने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि यह शोध कार्य वायु गुणवत्ता की निगरानी और प्रदूषण नियंत्रण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान देगा.

ये भी पढ़ें-

ABOUT THE AUTHOR

...view details