जगदलपुर: बस्तर संभाग के इकलौते नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत रोजगार की संभावना सबसे अधिक नजर आती है. लेकिन नगर निगम के ढीले रवैये की वजह से मध्यम वर्ग के युवाओं को मिलने वाले रोजगार की संभावना पूरी तरह से खत्म हो जाती है. दरअसल नगर निगम ने करीब 15 सालों पहले भाजपा की शासनकाल में नगर निगम क्षेत्र में सबसे रिहायसी इलाके में दो बड़ी बिल्डिंग बनाई गई. जिसकी उपयोगिता से लोगों को रोजगार मिल सकें. लेकिन जिम्मेदारों की अनदेखी के कारण यह दोनों भवनें खंडहर में तब्दील हो चुकी है. अब यह शराबियों का अड्डा बनकर रह गया है.
शराबियों का ठिकान बना:शहर के चांदनी चौक और पुराना बस स्टैंड कोतवाली चौक में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स निगम के द्वारा करोड़ो रूपये खर्च कर शॉपिंग कॉम्प्लेक्स बनाया गया था. इस बिंल्डिंग का उद्देश्य शहर की दुकानों को एक बिल्डिंग में शिफ्ट करना था और शॉपिंग मॉल के रूप में इसे बदलना था. लेकिन बिल्डिंग तैयार होते वक्त ही कई रसूखदारों ने इस बिल्डिंग की दुकानों को खरीद लिया और खरीदी हुई दुकानों का रेट निगम दर से नही बल्कि कमर्शियल दर तय होने लगे. इतना ही नही पुराने बस अड्डे में स्थित निगम की बिंल्डिंग अभी भी अधूरी पड़ी हुई है. शहर के लोग इस बिल्डिंग को पूरा करने की मांग करते रहे लेकिन जिम्मेदारों ने लोगों की एक न सुनी. अब इस मुद्दे पर जम कर सियासत भी हुई. भाजपा कांग्रेस में जुबानी जंग भी चली लेकिन परिणाम के रूप में कुछ भी हाथ नही लगा.
''ऐसी प्राइम लोकेशन पर किसी प्राइवेट को ठेका दिया जाता तो वह गुलजार होता. लेकिन सरकारी व्यवस्थाओं के कारण अधर में अटका हुआ है. निगम ने केवल निर्माण करने में 10 वर्ष लगा दिया. इसके बाद जो व्यापारी अपना दुकान लिए उन्हें दुकान संचालन के लिए काफी जद्दोजहद करनी पड़ रही है. सबसे पहले बिजली कनेक्शन के लिए निगम से NOC की जरूरत पड़ती है. लेकिन निगम से NOC मिलने में महीनों सालों लग जाते हैं. जिससे वे परेशान होकर घुस का सहारा लेते हैं. जिससे भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है. और सरकारी नुकसान अनलिमिटेड होता है. जिस पर सरकारी कर्मचारी ध्यान ही नहीं देते हैं''. - अनूप जैन, व्यापारी