त्रियूंड ट्रैकिंग साइट से वन विभाग को हो रही कमाई (ETV Bharat) धर्मशाला: पर्यटन नगरी मैक्लोडगंज की त्रियूंड ट्रैकिंग साइट पर जाने वालों के लिए भले ही वन विभाग ने एंट्री व कैंपिंग फीस लगा दी हो लेकिन इस साइट का दीदार करने वालों में कमी नहीं आई है.
त्रियूंड ट्रैकिंग साइट अब वन विभाग की ईको टूरिज्म साइट के तहत आती है. बीते साल दिसंबर माह में वन विभाग ने त्रियूंड के लिए एंट्री फीस और कैंपिंग फीस लगाई थी. बावजूद इसके करीब 40 हजार पर्यटक त्रियूंड ट्रैकिंग के लिए जा चुके हैं.
वन विभाग को त्रियूंड साइट से अच्छी आय हो रही है. अब तक की आय पर नजर डालें तो विभाग एंट्री व कैंपिंग फीस से करीब 60 से 70 लाख रुपये की कमाई कर चुका है. त्रियूंड जाने वालों में भारतीय पर्यटकों के साथ विदेशी भी शुमार हैं.
करीब 3 हजार विदेशी भी पहुंचे त्रियूंड
त्रियूंड ट्रैंकिंग पर जाने वाले लोगों में कुछ लोग आगे नागडल और इंद्रहार पास तक जाते हैं. ट्रैकिंग व कैंपिंग फीस लगने के बाद त्रियूंड पहुंचे करीब 40 हजार पर्यटकों में से 3 हजार के करीब विदेशी पर्यटक भी शामिल हैं.
विदेशी पर्यटक ऐसी साइट्स को काफी पसंद करते हैं. ऐसे में जो भी विदेशी पर्यटक त्रियूंड जाते हैं वे वापस जाकर अपने दोस्तों को इस साइट की जानकारी देते हैं. ऐसे में उम्मीद है कि आने वाले समय में त्रियूंड ट्रैक पर जाने वाले लोगों की संख्या में इजाफा होगा.
ऑनलाइन पेमेंट पर छूट
ट्रैकिंग एंट्री फीस 100 रुपये तय की गई है, नकद देने पर 100 रुपये शुल्क लिया जा रहा है, यदि कोई ऑनलाइन पेमेंट करता है तो 5 रुपये की छूट दी जाती है. यदि किसी ने कैंपिंग करनी है और त्रियूंड में टैंट लगाना है तो उनके लिए 275 रुपये शुल्क रखा गया है जिसमें ट्रैकिंग और कैंपिंग शुल्क शामिल होगा, जो कि दो दिन का मान्य होगा.
कैश देने वाले पर्यटकों से 275 रुपये लिए जाते हैं, जबकि ऑनलाइन पेमेंट करने वाले पर्यटकों से 265 रुपये शुल्क लिया जाता है. त्रियूंड ट्रैक वन विभाग को अच्छी आय दे रहा है.
फॉरेस्ट रेंज ऑफिसर, वन विभाग धर्मशाला समित शर्मा ने बताया "बीते साल दिसंबर माह में एंट्री फीस लागू की गई थी. करीब 40 हजार पर्यटकों ने अब तक त्रियूंड साइट का भ्रमण किया जिनमें से करीब 3 हजार विदेशी पर्यटक हैं. वन विभाग ने एक साल में अब तक 60 से 70 लाख रुपये का राजस्व एकत्रित किया है."