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खूंटी में आदिवासी मिलन समारोह का आयोजन, विरासत और अधिकारों की सुरक्षा पर चर्चा - Tribal Milan ceremony - TRIBAL MILAN CEREMONY

खूंटी में आदिवासी मिलन समारोह का आयोजन किया गया. समारोह में आदिवासियों की विरासत और अधिकारों की सुरक्षा की बात कही गई. इसके साथ ही पेसा कानून के बारे में जानकारी दी गई.

Tribal Milan ceremony organized in Khunti
खूंटी में आदिवासी मिलन समारोह (ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Sep 2, 2024, 9:16 AM IST

खूंटीः विधानसभा चुनाव की घोषणा से पहले ही खूंटी लोकसभा क्षेत्र के आदिवासी नेताओं का जुटान शुरू हो गया है. ऑल चर्चेस समिति, केंद्रीय सरना संगोम समिति व पड़हा समिति के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित समारोह में लोकसभा क्षेत्र के सभी मिशनरियों के अलावा आदिवासी नेता एवं कार्यकर्ता मुख्य रूप से शामिल हुए.

आदिवासियों की विरासत और अधिकारों की सुरक्षा के लिए ऑल चर्चेस समिति, केंद्रीय सरना संगोम समिति व पड़हा समिति के संयुक्त तत्वाधान एक दिवसीय आदिवासी मिलन समारोह का आयोजन किया गया. रविवार को संत जोसेफ हाई स्कूल के सागवान मैदान में आदिवासी रीति रिवाज भेष-भूषा में सैकड़ों की संख्या में कई गणमान्य लोग उपस्थित थे. इस दौरान आदिवासियों की पुरानी सभ्यता व रहन सहन को लेकर कई सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए.

आदिवासी मिलन समारोह के दौरान बतौर मुख्य अतिथि सिसई विधायक झिग्गा मुंडा ने कहा कि झारखंड में आदिवासियों का ही झंडा चलेगा. अपने बच्चों को सही शिक्षा दें, उन्हें पूर्वजो के बताए रास्ते पर चलने को सिखाएं. उन्हें परिवार और समाज की अहमियत बताएं, जहां आदिवासियों की जगह-जमीन, हक-अधिकार, पांचवीं अनुसूची समेत आदिवासी हितों का मुद्दा होगा, वहां हम सारे आदिवासी मिलकर लड़ेंगे.

वही कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद कालीचरण मुंडा ने कहा कि क्रिश्चियन हो या सरना सभी आदिवासियों को एक मंच पर आना चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि आदिवासी अपने बच्चों को स्कूल भेजें और शिक्षित बनाएं. बिशप विनय कंडुलना ने कहा कि जो समाज अपनी भाषा और संस्कृति खो देता है वो ज्यादा दिन अस्तित्व में नहीं रहता. उन्होंने अपनी भाषा संस्कृति को बचाने के लिए सभी को प्रेरित किया.

सरना संगोम समिति की दुर्गावती ओड़ेया ने भी सभा में आदिवासी हक-अधिकार के विभिन मुद्दों को लेकर बातें कही. इसके अलावे कार्यक्रम में कई अन्य वक्ताओं ने भी जल, जंगल, जमीन के साथ पेसा कानून व पांचवीं अनुसूची आदिवासियत व अपने हक और अधिकार को बचाने के लिए पूरे आदिवासी समाज को एकजुट होने के लिए कहा. उक्त समारोह में ग्लेडशन डुंगडुंग के द्वारा पेसा कानून, पांचवीं अनुसूची के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी दी जाएगी. मौके पर कई वक्ताओं ने आदिवासियत की एकता व अखंडता को मजबूती बनाये रखने के लिए सभी ने अपने अपने विचार रखे.

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