बक्सर:लोकसभा चुनाव 2024 के सातवे एवं अंतिम चरण में बक्सर लोकसभा सीट पर 1 जून को मतदान होने वाला है. इस चुनावी महासंग्राम में बीजेपी, आरजेडी, बहुजन समेत कुल 26 उम्मीदवारों ने अपना नॉमिनेशन पर्चा भरा है. कई दिग्गज निर्दलीय प्रत्याशी में मैदाम में आ गए हैं, जिन्होंने बड़े-बड़े दल के नेता का होश उड़ा दिया है. पूरी लड़ाई अब त्रिकोणीय हो गई है. निर्दलीय प्रत्याशियों के समर्थन में उमड़ रहे जनसैलाब को देख अभी से ही दलीय प्रत्याशी हमलावर हो गए है.
बक्सर से प्रभावित होता है देश का सबसे बड़ा प्रदेश: उत्तरायणी गंगा की तट पर बसा बक्सर अपने धार्मिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. राजनीतिक जानकारों की माने तो बक्सर लोकसभा सीट देश के सबसे बड़े प्रदेश उतरप्रदेश के दर्जनों लोकसभा सीट पर सीधा प्रभाव डालता है. यही कारण है कि सभी पार्टी के नेताओ ने इस लोकसभा सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है.
निर्दलीयों को मिल रहा समर्थन:इस लोकसभा सीट पर निर्दलीय प्रत्याशियों के रूप में चुनाव लड़ रहे बिहार सरकार के पूर्व मंत्री ददन पहलवान उर्फ ददन यादव के समर्थन में जंहा पप्पू यादव, दिवंगत नेता शहाबुदीन की पत्नी हिना साहब, एमआईएम सुप्रीमो असदुद्दीन ओवैसी समेत कई बड़े नेताओ का आगमन होने वाला है. वहीं असम के पूर्व आईपीएस अधिकारी आनंद मिश्रा के निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर मिल रहे जनसमर्थन ने दलीय नेताओं की नींद उड़ा दी है.
त्रिकोणीय हुई लड़ाई:हैरानी की बात है कि टिकट कटने से नाराज इस लोकसभा सीट से वर्तमान सांसद सह बीजेपी के फायर ब्रांड नेता अश्विनी चौबे ने एक बार भी इस लोकसभा क्षेत्र में दस्तक नहीं दिया है. जिससे कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं. अश्विनी चौबे के घोर विरोधी बीजेपी के नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशियों के साथ हाथ मिलाकर बीजेपी के खिलाफ ही मोर्चा खोल दिया है. जिससे इस लोकसभा सीट पर लड़ाई त्रिकोणीय हो गया है.
अंतिम दिन अनिल बिल्डर ने किया नॉमिनेशन: इस लोकसभा सीट से अंतिम दिन नॉमिनेशन कर बहुजन समाज पार्टी के नेता अनिल सिंह उर्फ अनिल बिल्डर ने जीत का दावा किया है. उन्होंने कहा है कि आरजेडी प्रत्याशी सुधाकर सिंह और बीजेपी के प्रत्याशी मिथिलेश तिवारी एक ही सिक्के के दो पहलू है. जिन्हें जनता नकार चुकी है. एक मंत्री के तौर पर सुधाकर सिंह को प्रदेश की जनता देख चुकी है. पूरा लोकसभा क्षेत्र बहुजन मय हो गया है.