पीलीभीत: जिले में कई दिन तक मानव आबादी के करीब चहलकदमी कर दहशत फैलाने वाली बाघिन आखिरकार रविवार को पिंजरे में कैद हो गई. वन विभाग की कड़ी निगरानी में बाघिन को रखा गया है. यह बाघिन जंगल में वापस छोड़ी जाएगी या फिर उसको उम्रकैद हो जाएगी इस पर उच्च अधिकारी ही निर्णय लेंगे.
दरअसल, जिले में बीते कुछ दिनों से एक बाघिन लगातार मानव आबादी के करीब घूमती नजर आ रही थी. बाघिन को अटकोना गांव से रेस्क्यू कर कॉलर आईडी लगाने के बाद जंगल में वापस छोड़ दिया गया था. लेकिन, बाघिन को जंगल रास नहीं आया और बाघिन ने अपना ठिकाना मानव आबादी के करीब ही बना लिया. कभी शहर के जेपी पैलेस के पास तो कभी सडिया गांव में बाघिन लगातार घूमती नजर आई. ऐसे में वन विभाग की टीम लगातार बाघिन की निगरानी में जुटी हुई थी और बाघिन को पकड़ने के लिए रेस्क्यू की रणनीति भी बन रही थी. लेकिन, बाघिन के स्वास्थ्य को देखकर पीलीभीत टाइगर रिजर्व के अधिकारी बाघिन के रिस्क को लेकर असहज थे. इस दौरान बाघिन ने शहर से जुड़ी नौगवा नगर पंचायत को अपना ठिकाना बना लिया.
देवहा नदी किनारे झाड़ियां में बाघिन कई दिन तक घूमती रही. यहां बाघिन को पकड़ने के लिए वन विभाग ने सोची समझी रणनीति के तहत पिंजरा लगाकर उसमें बकरी को बांध दिया. बाघिन कई बार पिंजरे के नजदीक तक आई. लेकिन, पकड़े जाने के दर से बाघिन ने बकरे का शिकार नहीं किया. कई दिन तक इलाके के लोग बाघिन की दहशत में रहते रहे. रविवार को अचानक बाघिन ने पिंजरे में बंधे बकरे का शिकार करने के लिए कोशिश की. इस दौरान बाघिन खुद पिंजरे में फंस गई और वन विभाग की टीम अपनी रणनीति में कामयाब हो गई.