रांची: झारखंड में विधानसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस चुनाव अभियान कमेटी ने आज से प्रथम चरण का कार्यक्रम शुरू कर दिया है. इसके साथ ही कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी ने भी विधानसभावार योग्य और लोकप्रिय उम्मीदवार की तलाश शुरू कर दी है. कांग्रेस पार्टी ने इस बार चुनाव लड़ने वाले इच्छुक उम्मीदवारों से आवेदन मांगे थे. ऐसे में इन दिनों पाकुड़ विधानसभा सीट बेहद चर्चा में हैं. क्योंकि पाकुड़ सीट एक तरह से आलमगीर का गढ़ माना जाता है.
बेटा तनवीर और पत्नी निशत आलम ने भी की है उम्मीदवारी
लोगों के मन में यह सवाल है कि आखिर इस बार परंपरागत सीट से महागठबंधन की ओर से चुनाव मैदान में कौन होगा. यह सवाल इसलिए भी है क्योंकि भ्रष्टाचार के मामले में वर्तमान विधायक व पूर्व मंत्री आलमगीर आलम जेल में बंद हैं. जेल में बंद रहने के बावजूद आलमगीर आलम ने इस बार भी अपनी उम्मीदवारी के लिए आवेदन किया है. पाकुड़ विधानसभा सीट से इस बार एक ही परिवार से तीन लोगों ने दावेदारी की है. उसमें आलमगीर आलम के अलावा बेटा तनवीर आलम और पत्नी निशत आलम ने भी पाकुड़ से टिकट के लिए आवेदन किया है. ऐसे में भाजपा इसे कांग्रेस में परिवारवाद का अनोखा उदाहरण बता रही है तो कांग्रेस इसे लोकतंत्र का हिस्सा.
परिवार आधारित पार्टी में हर नेता की चाहत होती है कि सत्ता उसके पास रहेः जेबी तुबिद
पाकुड़ विधानसभा सीट से इस बार कांग्रेस का प्रत्याशी बनने के लिए पूर्व मंत्री आलमगीर आलम उनके बेटे तनवीर आलम और पत्नी निशत आलम द्वारा आवेदन किया. जिस पर तंज कसते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता जेबी तुबिद ने कहा कि परिवारवाद वाली पार्टी में अधिकांश नेताओं की इच्छा यही होती है कि कुर्सी उनके पास रहे या फिर उनके बेटे, बहू और पत्नी में से कोई सत्ता पर काबिज हो. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आलमगीर आलम के नौकर के यहां से ED को 32 करोड़ रुपए मिले थे और वह अभी जेल में हैं. इसलिए अगर वह चुनाव नहीं लड़ सके तो उनकी पत्नी या बेटा विधायक बन जाएंगे. इसी हसरत के साथ तीन-तीन लोगों ने आवेदन जमा किए होंगे.