नई दिल्ली: दिल्ली में एक बार फिर से जल संकट गहराता दिख रहा है. यमुना में अमोनिया का लेवल बढ़ गया है. खासकर यमुना नदी के वजीराबाद बैराज में इसका स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह से अब दिल्ली सरकार के कई वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में हर रोज उत्पादित होने वाले पानी की क्षमता भी घट गई है. संभावना जताई जा रही है कि अगर यमुना में ऐसे ही हालात बने रहे तो आने वाले दिनों में राजधानी के कई इलाकों में पानी की किल्लत पैदा हो सकती है.
दिल्ली जल बोर्ड के आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि पिछले कई दिनों से यमुना में अमोनिया प्रदूषण का लेवल बढ़ा हुआ है. यमुना में अमोनिया की मात्रा बढ़ने की समस्या तो सामने आ ही रही है. दूसरी तरफ मुनक नहर से भी कम पानी मिल रहा है. इसकी वजह से हैदरपुर, बवाना और चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट से क्षमता के मुताबिक पीने का पानी उतना नहीं मिल पा रहा है जिसकी आवश्यकता है.
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सूत्रों के मुताबिक दिल्ली के वाटर ट्रीटमेंट प्लांट्स में मौजूदा समय में 0.9 पीपीएम यानी पार्टिकल पर मिलियन तक अमोनिया को ट्रीट करने की क्षमता है. लेकिन मौजूदा समय में वजीराबाद रिजर्वायर में 2.3 पीपीएम से अधिक का लेवल रिकॉर्ड किया गया है. इस वजह से वजीराबाद और चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट्स प्रभावित हो रहे हैं. दरअसल, इन दोनों डब्ल्यूटीपी को वजीराबाद रिजर्वायर से कच्चा पानी मिलता है. वजीराबाद वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट की क्षमता 131 एमजीडी है जो फिलहाल दिल्ली को 96 एमजीडी पानी ही उत्पादित करके दे रहा है.
इसी तरह से चंद्रावल वॉटर ट्रीटमेंट प्लांट भी अमोनिया लेवल बढ़ने की वजह से 18 एमजीडी कम पानी उपलब्ध करवा रहा है. इसका बड़ा असर आउटर दिल्ली, सेंट्रल दिल्ली और वेस्ट दिल्ली के तमाम इलाकों की जलापूर्ति पर पड़ रहा है. नॉर्थ वेस्ट दिल्ली की तमाम कॉलोनियों, ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा दक्षिणी दिल्ली के संगम विहार और अन्य इलाकों में भी पानी की किल्लत बनी हुई है. इसके अलावा अमोनिया का स्तर बढ़ने की वजह से ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर भी असर पड़ रहा है.
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली की जलापूर्ति में रेनीवेल और ट्यूबवेल के जरिए 135 एमजीडी पानी को अगर मिला लिया जाए तो दिल्ली के लिए सिर्फ 910 एमजीडी पानी ही उत्पादित किया जा रहा है. माना जा रहा है कि इसको कम करने के लिए तेजी से उपाय नहीं किए गए तो आने वाले दिनों में पानी की ज्यादा किल्लत पैदा हो सकती है. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि यमुना में अमोनिया लेवल बढ़ने की वजह क्या है, इसको लेकर स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं कहा जा सकता.
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