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कुमाऊं में महफूज नहीं बहन-बेटियां, महिला अपराध के बढ़े मामले, आंकड़े कर रहे तस्दीक - WOMEN CRIME IN KUMAON

महिला अपराध के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं. कुमाऊं में नैनीताल जिले को छोड़कर इस साल महिला अपराध का ग्राफ बढ़ा है.

Kumaon Women Crime
कुमाऊं में महिला अपराध के बढ़े मामले (Photo-ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 8, 2024, 7:40 AM IST

हल्द्वानी:महिला अपराध रोकने के लिए पुलिस कई तरह के जन जागरूकता अभियान चलाने के अलावा अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है. इसके बावजूद उत्तराखंड में महिला अपराध की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है, जो चिंता का विषय बनता जा रहा है. इस साल नैनीताल जनपद में महिला अपराध की घटनाओं में कमी आई है तो वहीं कुमाऊं मंडल के चार पहाड़ी जनपद में महिला अपराध का ग्राफ बढ़ा है.

महिला अपराध का बढ़ रहा ग्राफ:पुलिस के आंकड़ों के अनुसार कुमाऊं मंडल में अलग-अलग थाना कोतवाली में दर्ज इस साल जनवरी (2024) दुष्कर्म, हत्या, अपहरण, शीलभंग, दहेज प्रताड़ना, यौन अपराध और मुस्लिम महिला विवाह अधिकार अधिनियम के नवंबर माह तक 1448 मामले सामने आए हैं. जबकि पिछले वर्ष पिछले साल (2023) कुमाऊं के छह जिलों नैनीताल, उधम सिंह नगर, अल्मोड़ा, बागेश्वर, पिथौरागढ़ और चंपावत में महिला अपराध के 1607 मामले दर्ज किए गए.पुलिस विभाग से मिले महिला अपराध संबंधी आंकड़े चौंकाने वाले हैं. पिछले साल की अपेक्षा कुमाऊं में इस साल अपराध बेशक कम हुए हैं, लेकिन साल खत्म होने में अभी एक महीना बाकी है.

कुमाईं में महफूज नहीं 'देवियां' (Video-ETV Bharat)

आंकड़े कर रहे तस्दीक:आंकड़े बता रहे हैं कि नैनीताल में महिलाओं से अत्याचार कम हुए, लेकिन पहाड़ के चार जिलों में पिछले वर्ष से अपराध बढ़े है. पिछले साल (2023) नैनीताल में 490, उधम सिंह नगर नगर में 866, अल्मोड़ा में 84, बागेश्वर में 20, पिथौरागढ़ 90 और चंपावत में 57 महिलाओं से संबंधित अपराध दर्ज हुए, जबकि इस साल नैनीताल में अपराधों में कमी आई है. साल 2024 में नैनीताल में 302, उधम सिंह नगर में 865, अल्मोड़ा में 87, बागेश्वर में 25, पिथौरागढ़ में 107 और चंपावत में 64 मामले दर्ज हुए.

जागरूकता के बाद भी नहीं आ रही महिला अपराध में कमी (Graphic-ETV Bharat)

जागरूकता के बाद भी नहीं आ रही कमी:महिलाओं की सुरक्षा को लेकर सरकारें कानून बनाती हैं, पुलिस-प्रशासन हेल्पलाइन नंबर, मोबाइल एप जारी करता है और संस्थाएं जागरूकता कार्यक्रम चलाती हैं, लेकिन इसके बावजूद भी महिला अपराधों में कमी नहीं आ रही है. ऐसे बहुत कम मामले सामने आते हैं, जब महिलाओं ने इन सब का सहारा लिया हो.

साल दर साल बढ़ रहे मामले (Graphic-ETV Bharat)

क्या बोले डीआईजी कुमाऊं:वहीं पूरे मामले पर डीआईजी कुमाऊं डॉ योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि महिला अपराध कुछ जिलों में कमी आई है. लेकिन कुछ जिलों में इसकी वृद्धि हुई है. पुलिस द्वारा महिला अपराध में लगातार कार्रवाई किया जा रहा है जिसका नतीजा है कि महिलाओं में जागरूकता आई है और होने वाले अपराध को लेकर महिलाएं लगातार सामने आ रही हैं. पुलिस द्वारा न्यायालय में ठोस पैरवी कर दोषियों को सजा भी दिलाई जा रही है. कहा कि जन जागरूकता अभियान के तहत महिलाओं को महिला सुरक्षा को लेकर जागरूक भी किया जा रहा है.

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