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तीलू रौतेली की शौर्यागाथा का हुआ मंचन, अभिनेता राजपाल यादव ने की शिरकत, बोले- दर्शाया गया अदम्य साहस

देवभूमि उत्तराखंड की लोक नायिका तीलू रौतेली की जीवनगाथा को समेटे हुए रामनगर में एक नाटक का मंचन किया गया. इस नाटक को दिल्ली के एक थियेटर ग्रुप द्वारा प्रदर्शित किया गया. फिल्म अभिनेता राजपाल यादव भी इस मौके पर मौजूद रहे. उन्होंने ऐसी लोक कथाओं के मंचन को ज्यादा प्रदर्शित करने पर जोर दिया.

Teelu Rauteli Shaurya Gatha
तीलू रौतेली की शौर्यागाथा का मंचन.

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 21, 2024, 4:53 PM IST

Updated : Feb 23, 2024, 12:28 PM IST

तीलू रौतेली की शौर्यागाथा का हुआ मंचन, अभिनेता राजपाल यादव ने की शिरकत.

रामनगर:प्रज्ञा आर्ट थियेटर ग्रुप दिल्ली की ओर से गढ़वाल की वीरबाला तीलू रौतेली नाटक का मंचन किया गया था. इस नाटक में तीलू रौतेली की शौर्यागाथा को दर्शाया गया. लक्ष्मी रावत के निर्देशन में रंगमंच पर कलाकारों ने तीलू की जीवन गाथा को अद्भुत और रोमांचक तरीके से प्रस्तुत किया. नाटक का ताना-बाना गढ़वाल की गाथाओं को आधार बनाकर बुना गया है. नाटक का शुभारंभ फिल्म अभिनेता राजपाल यादव ने किया.

नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के पूर्व छात्र रहे एक्टर राजपाल यादव ने रामनगर पहुंचकर क्षेत्रवासियों को बधाई दी और कहा कि उन्हें यहां आकर काफी अच्छा लग रहा है. ये देखना भी सुखद है कि इस तरीके का नाटक रामनगर में किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि आगे भी ऐसे कार्यक्रम नाटक विद्यालय द्वारा किए जाएंगे.

बता दें कि, ये नाटक तीलू रौतेली पर दर्शाया गया है, जिसने कम उम्र में गढ़वाल प्रांत को कत्यूरी शासन से मुक्त कराया था. मात्र 22 वर्ष की आयु में दुश्मनों ने उसे मार डाला, लेकिन उसकी बहादुरी ने उसे लोक कथाओं, लोकगीतों, नाटकों और उत्सवों के जरिये उत्तराखंड के लोगों के बीच हमेशा जीवित रखा है. तीलू रौतेली ने एकजुटता से शक्तिशाली कत्यूरियों को सफलतापूर्वक समाप्त करके अपनी प्रतिज्ञा पूरी की.

अपनी जीवन यात्रा में उसने एक आदर्श बेटी, बहन, मित्र और प्रेमिका की भूमिका निभाकर दिव्यता प्राप्त की. वह मरने के बाद भी अमर है. तीलू की कहानी महिला सशक्तिकरण का एक और बड़ा उदाहरण बनती है. इसे नाटक के रूप में मंच पर प्रस्तुत करना चुनौतीपूर्ण था, क्योंकि तीलू के जीवन का अधिकांश भाग युद्ध के मैदान में बीता था. इसके लिए कलाकारों को मार्शल आर्ट का प्रशिक्षण दिया गया था. अभ्यास के दौरान कई कलाकारों को चोटें भी आईं.

नाटक में कलाकारों ने यह प्रदर्शित करने का प्रयास किया कि जीवन मे संकट कितने ही क्यो न आए अगर साहस से सामना किया जाए तो बड़े से बडे संकट को टाला जा सकता है. मंच पर प्रज्ञा सिंह, राजे सिंह, विक्रांत शर्मा, अनमोल भट्ट, नवीन कुमार, कुसुम चौहान, चेतना दहिया, दिशा नेगी, रीता रतूड़ी कलाकार अपने अभिनय की कसौटी पर खरे उतरे. इस दौरान प्रोफेसर भरत गुप्त, उपाध्यक्ष राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय सोसाइटी, एनएसडी के सहायक प्रोफेसर रामजी बाली, शाइनिंग स्टार स्कूल के प्रबंधक डीएस नेगी और एनएसडी के अन्य प्रतिष्ठित सदस्य मौजूद रहे.

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Last Updated : Feb 23, 2024, 12:28 PM IST

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