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अतीक के बेटे असद और शूटर गुलाम को इनकाउंटर में ढेर करने वाली टीम को मिला प्रेसिडेंट गैलेंट्री मेडल, आयोग भी कह चुका- Real था इनकाउंटर - Encounter of Atiq son Asad

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 14, 2024, 12:04 PM IST

Updated : Aug 14, 2024, 2:05 PM IST

प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को हुए उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को शूटर गुलाम के साथ एनकाउंटर में ढेर करने वाली टीम को राष्ट्रपति गैलंट्री मेडल से नवाजा जाएगा. असद पर 5 लाख का इनाम भी था.

माफिया अतीक के बेटे असद को एसटीएफ ने झांसी में किया था ढेर.
माफिया अतीक के बेटे असद को एसटीएफ ने झांसी में किया था ढेर. (Photo Credit; ETV Bharat)

लखनऊ :प्रयागराज में 24 फरवरी 2023 को हुए उमेश पाल हत्याकांड में माफिया अतीक अहमद के बेटे असद को शूटर गुलाम के साथ एनकाउंटर में ढेर करने वाली टीम को राष्ट्रपति गैलेंट्री मेडल से नवाजा जाएगा. असद-गुलाम पर 5-5 लाख का इनाम भी था. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यूपी पुलिस के 17 जाबाजों को राष्ट्रपति गैलंट्री मेडल मिला है, जिसमें असद का एनकाउंटर करने वाले सीओ नवेंदु सिंह, सीओ विमल कुमार समेत अन्य पुलिसकर्मी भी शामिल हैं.

प्रयागराज में उमेश पाल की हत्या कर दी गई थी. हत्या करने में शामिल अतीक अहमद के बेटे असद और गुलाम को 13 अप्रैल 2023 को झांसी में यूपी एसटीएफ की टीम ने एनकाउंटर में मार गिराया था. यह एनकाउंटर STF के सीओ नवेंदु सिंह और विमल कुमार के नेतृत्व में हुआ था. एनकाउंटर करने वाले टीम के 6 सदस्यों को राष्ट्रपति गैलेंट्री मेडल दिया गया है.

जिन्हें मिला है प्रेसिडेंट गैलेंट्री मेडल :स्वतंत्रता दिवस के मौके पर यूपी पुलिस के 17 जाबाजों को वीरता पदक से नवाजा जाएगा, इसमें 9 यूपी STF के अफसर व कर्मी हैं. इसमें डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह, डिप्टी एसपी नवेंदु सिंह, इंस्पेक्टर जितेंद्र कुमार सिंह, सब इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह चौहान, अनिल कुमार हेड कांस्टेबल, हरि ओम कांस्टेबल, सब इंस्पेक्टर जितेंद्र प्रताप सिंह, विपिन कुमार कांस्टेबल, ज्ञानेंद्र कुमार राय इंस्पेक्टर, अनिल कुमार सिंह इंस्पेक्टर, सुनील कुमार हेड कांस्टेबल, सुशील कुमार हेड कांस्टेबल, राजीव चौधरी इंस्पेक्टर, जसवीर सिंह सब इंस्पेक्टर, रईस अहमद हेड कांस्टेबल, अरुण कुमार कांस्टेबल और अजय कुमार कांस्टेबल के नाम शामिल हैं.

कौन है नवेंदु कुमार? :बिहार के सारण के रहने वाले नवेंदु कुमार वर्ष 2017 बैच के पीपीएस अफसर हैं. 1 फरवरी 2018 को नवेंदु डिप्टी एसपी के पद पर प्रमोट हुए थे. उन्होंने सब इंस्पेक्टर के पद पर यूपी पुलिस ज्वॉइन की थी. नवेंदु की बहादुरी देखते हुए आउट ऑफ टर्न प्रमोशन मिला और प्रमोट होकर इंस्पेक्टर बन गए. वर्ष 2017 में इन्हें पीपीएस का कैडर मिला और प्रमोशन पाकर डिप्टी एसपी बने. नवेंदु कुमार ने यूपी एसटीएफ की प्रयागराज यूनिट में 8 वर्षों तक डिप्टी एसपी के तौर पर काम किया.फिलहाल वे गौतमबुद्ध STF में तैनात हैं.

डिप्टी एसपी विमल कुमार सिंह :मूल रूप से जौनपुर के रहने वाले विमल कुमार सिंह वर्ष 2018 बैच के पीपीएस अफसर हैं. 4 फरवरी 2019 को उन्हें डिप्टी एसपी के पद पर प्रमोशन मिला था. विमल 2022 में STF यूनिट में शामिल हुए थे. मौजूदा समय में विमल STF की लखनऊ यूनिट में तैनात हैं.

नोएडा में लुटेरे मेहरबान का एनकाउंटर करने वाल टीम को भी वीरता पदक :27 मई 2019 को नोएडा के जारचा में दिनदहाड़े वीआरएफ फूड्स लिमटेड बुलंदशहर के कैशियर से 65 लाख की लूट हो गई थी. पुलिस के अलावा इस लूटकांड का खुलासा करने के लिए एसटीएफ की नोएडा यूनिट को भी लगाया गया. STF में सब इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह चौहान, हेड कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह और हरिओम ने 17 जुलाई 2019 को गाजियाबाद में लूटकांड के मास्टरमाइंड मेहरबान को मुठभेड़ में मार गिराया था. स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सब इंस्पेक्टर राकेश कुमार सिंह चौहान और हेड कांस्टेबल अनिल कुमार और हरिओम को भी वीरता पुरस्कार मिलेगा.

जांच आयोग की रिपोर्ट में भी असद का इनकाउंटर Real :बता दें कि इसी अगस्त में ही न्यायिक जांच आयोग की रिपोर्ट भी आई है, जिसमें कहा गया कि 15 अप्रैल 2023 को अतीक-अशरफ की हत्या में सरकार-पुलिस का कोई हाथ नहीं था. वहीं लोचन आयोग की रिपोर्ट में कहा गया कि असद समेत चार आरोपियों का एनकाउंटर Real था. आयोग की रिपोर्ट विधान सभा के पटल पर रखी गई थी. दोनों मामलों में गठित किए गए लोचन न्यायिक आयोग व भोसले आयोग ने मीडिया, पुलिस समेत कई विभागों के लिए अपनी रिपोर्ट में सुझाव भी दिए.

300 लोगों के लिए गए बयान :15 अप्रैल 2023 को प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा के दौरान अतीक अहमद और उसके भाई असरफ की चार शूटर ने गोलियों से भून कर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड पर सवाल उठने के बाद योगी सरकार ने जांच के लिए रिटायर्ड जज दिलीप बी भोसले की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय न्यायिक जांच आयोग का गठन किया था. जांच आयोग ने अक्टूबर 2023 तक की अपनी जांच में प्रयागराज के धूमनगंज स्थित मोतीलाल नेहरू अस्पताल में अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की हत्या के दौरान वहां मौजूद पुलिसकर्मियों, डॉक्टर, अस्पतालकर्मी और जेल कर्मियों समेत करीब 300 लोगों के बयान दर्ज करने के बाद अपनी रिपोर्ट तैयार की. आयोग की रिपोर्ट के अनुसार निष्कर्ष निकला है कि अतीक व अशरफ की हत्या में राज्य या फिर सरकार की किसी भी प्रकार की को साजिश नहीं थी.

असद का एनकाउंटर नहीं था फेक :राजू पाल हत्याकांड के मुख्य गवाह उमेश पाल हत्याकांड के मुख्य आरोपी अतीक के बेटे असद, अरबाज, उस्मान चौधरी और गुलाम के एनकाउंटर की जांच के लिए गठित किए गए राजीव लोचन की अध्यक्षता में दो सदस्यीय आयोग की भी रिपोर्ट भी सदन में पेश की गई. आयोग की रिपोर्ट के अनुसार चारों आरोपियों के एनकाउंटर फेक नहीं थे. पुलिस ने आत्मरक्षा में चारों पर क्रॉस फायर किया था, जिसमें उनकी मौत हुई थी. चारों आरोपी उमेश पाल हत्याकांड में शामिल भी थे.

असद समेत चारों के परिजनों ने आयोग के सामने बोलने से किया था मना :आयोग ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि चारों के अलग-अलग हुए तीन एकनाउंटर की जांच के दौरान सभी पुलिसकर्मियों के साक्ष्य इकट्ठा किए गए थे. इसके अलावा विभिन्न माध्यमों से आयोग ने यह अपील की थी कि किसी को भी यदि इस एनकाउंटर से जड़े तथ्य या जानकारी देनी हो तो आयोग के सामने पेश कर सकते हैं. इसके लिए आयोग झांसी और प्रयागराज में कैंप भी लगा चुक थी ताकि लोग साक्ष्य प्रस्तुत कर सकें. हालांकि किसी ने भी एनकाउंटर के संबंध में कोई भी जानकारी नहीं साझा की थी. इतना ही नहीं आयोग ने मारे गए सभी चारों के परिजन को भी नोटिस जारी कर एनकाउंटर के संबंध में अपनी बात कहने के लिए कहा था. लेकिन सभी ने जवाब देते हुए कहा था कि वो कुछ भी नहीं कहना चाहते है न ही गवाही देना चाहते हैं.

अतीक के कारोबार का वारिस था असद :प्रयागराज में 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद से यूपी पुलिस ने दोनों को वॉन्टेड घोषित कर रखा था. असद और गुलाम पर 5-5 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया था. 24 फरवरी को उमेश पाल की हत्या के बाद पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज भी खंगाले थे. इसके उमेश पाल हत्याकांड से जुड़े कई वीडियो सामने आए, जिसमें यह पता चला था कि इस कांड में अतीक का बेटा असद भी शामिल है. वारदात के बाद गाड़ी और कपड़े बदलकर असद फरार हो गया था. बताया जा रहा है कि अतीक अहमद के साबरमती जेल में शिफ्ट होने के बाद शाइस्ता परवीन और असद ही फिरौती और रंगदारी का कारोबार चला रहे थे. जांच के दौरान एसटीएफ ने एक वॉट्सऐप ग्रुप ट्रेस किया था, जिसका एडमिन असद ही था. शेर ए अतीक व्हाट्सएप ग्रुप में असद अहमद ने अतीक गैंग के 50 गुर्गों को जोड़ रखा था. उमेश की हत्या के बाद इस ग्रुप के ज्यादातर मेंबर ने चैट हिस्ट्री डिलीट कर दी थी.

झांसी में STF ने असद और गुलाम को किया था ढेर :यूपी एसटीएफ ने असद और गुलाम को झांसी में मार गिराया था. दोनों उमेश पाल हत्याकांड में शामिल थे. दोनों पर 5-5 लाख रुपये का इनाम था. यूपी एसटीएफ की टीम दोनों को मध्य प्रदेश की सीमा से घेर कर झांसी में लाई थी. इसके बाद यहां हुई मुठभेड़ में दोनों इनामी मारे गए. बताया जाता है कि अतीक के पुराने करीबी ने गुलाम और असद अहमद को पनाह दी थी. इस बीच पुलिस के हत्थे असद के दो मददगार लग गए. पूछताछ में एसटीएफ को असद की लोकेशन मिल गई. झांसी में एनकाउंटर से पहले पुलिस ने गुलाम और असद को सरेंडर करने को कहा था. पुलिस का दावा है कि असद और गुलाम ने एसटीएफ पर गोलीबारी कर दी. जवाब में हुई फायरिंग में दोनों मारे गए. एसटीएफ ने असद के पास से मोटर साइकिल, विदेशी हथियार, बुलडॉग रिवाल्वर के साथ भारी मात्रा में गोलियां बरामद करने का दावा किया.

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Last Updated : Aug 14, 2024, 2:05 PM IST

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