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सुक्खू सरकार फिर ले रही ₹600 करोड़ का कर्ज, मोदी सरकार से भी मिले 1480 करोड़, 2.25 लाख कर्मियों को मिलेगी डीए की एक किस्त!

हिमाचल प्रदेश की सुक्खू सरकार एक बार फिर से ₹600 करोड़ का लोन लेने जा रही है. इसको लेकर अधिसूचना जारी कर दी गई है.

सुक्खू सरकार फिर लेगी ₹600 करोड़ का कर्ज
सुक्खू सरकार फिर लेगी ₹600 करोड़ का कर्ज (FILE)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Oct 10, 2024, 9:44 PM IST

शिमला: हिमाचल सरकार के खजाने की सांस में सांस आई है. सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने 600 करोड़ रुपए का लोन लेने की अधिसूचना जारी की है. साथ ही केंद्र सरकार से केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के पैसे भी आ गए हैं. यही नहीं, नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र की एनडीए सरकार ने एक महीने के एडवांस पैसे जारी किए हैं. हिमाचल प्रदेश को केंद्रीय करों में हिस्सेदारी के तौर पर हर महीने 720 करोड़ रुपए मिलते हैं. एक महीने के एडवांस पैसे आने से ये रकम 1480 करोड़ रुपए हो गई है.

केंद्र सरकार ने फेस्टिवल सीजन को देखते हुए एक महीने की हिस्सेदारी एडवांस में दी है. ऐसे में ये उम्मीद बंधी है कि सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार हिमाचल के सवा दो लाख कर्मचारियों व पौने दो लाख पेंशनर्स को डीए की कम से कम एक किस्त दे सकती है. एक किस्त के लिए 600 करोड़ रुपए की रकम चाहिए. खजाने में 2080 करोड़ रुपए आ जाएंगे तो अगले महीने वेतन का इंतजाम भी हो जाएगा. ये अलग बात है कि वेतन व पेंशन एक साथ पहली तारीख को मिलेगी या नहीं, परंतु खजाने में डीए के लायक पैसे व 1200 करोड़ रुपए वेतन के तो जुड़ ही गए हैं.

₹600 करोड़ का कर्ज लेगी हिमाचल सरकार (नोटिफिकेश)

600 करोड़ के कर्ज की अधिसूचना जारी:सुखविंदर सिंह सुक्खू सरकार ने गुरुवार को फिर से 600 करोड़ रुपए का कर्ज लेने की अधिसूचना जारी की है. इस महीने की 16 तारीख को लोन की रकम खजाने में आ जाएगी. ये लोन दस साल की अवधि के लिए लिया जा रहा है. सरकार ने पिछले ही महीने यानी सितंबर में 700 करोड़ रुपए का कर्ज लिया था. अब राज्य सरकार के पास दिसंबर तक 1017 करोड़ रुपए की ही लोन लिमिट बची है. कर्ज का ये पैसा रिजर्व बैंक आफ इंडिया की बोली के माध्यम से आएगा. इसे दस साल की अवधि में चुकाना है. दिसंबर के बाद मार्च 2025 तक की अवधि के लिए केंद्र सरकार अलग से अंतिम तिमाही की लोन लिमिट सेंक्शन करेगी. इस तरह राज्य सरकार किसी तरह दिसंबर तक का काम चलाने के लिए प्रयास कर रही है. वहीं, कर्मचारी वर्ग भी डीए की कम से कम एक किस्त के लिए सरकार पर दबाव बना रहा है.

कर्मचारियों का कहना है कि सरकार को 12 फीसदी डीए में से कम से कम एक किस्त तो जारी करनी ही चाहिए. इस बार दिवाली 31 अक्टूबर को है. फिर पहली तारीख को नवंबर महीने में वेतन व पेंशन के लिए 2000 करोड़ रुपए की रकम चाहिए. एक डीए की किस्त देने के बाद सरकार के पास वेतन व पेंशन पहली ही तारीख को देने के लिए रकम बचेगी या नहीं, ये ट्रेजरी की 31 अक्टूबर की पोजीशन से पता चलेगा. फिलहाल, तो राज्य सरकार के खजाने में इतना सांस आ गई है कि कर्मचारी वर्ग को कुछ न कुछ वित्तीय लाभ मिल जाए.

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