गोरखपुर: उच्च शिक्षा, मेडिकल और तकनीकी शिक्षा को लेकर गोरखपुर में स्थापित चार विश्वविद्यालयों के बाद जिले में अब सैनिक स्कूल भी एक नगीने के रूप में शुरू होने जा रहा है. यह भी गोरखपुर की साख बढ़ाएगा. यह सैनिक स्कूल भी राष्ट्र रक्षा की नर्सरी बनेगा. इसके जरिए छात्र फौज में भी अफसर बनेंगे. वह देश की सीमाओं की रक्षा करने के भाव से भी भरेंगे. इस स्कूल की सौगात सिर्फ युवा छात्रों के लिए ही नहीं, गोरखपुर की अपनी निजी पहचान और शान के लिहाज से भी बेहद खास है. सीएम योगी भी इसको लेकर अपनी मंशा कई बार स्पष्ट कर चुके हैं. यह सैनिक स्कूल गोरखपुर समेत पूरे पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए गौरव स्तम्भ के रूप में दिखेगा. मुख्यमंत्री ने पिछले दिनों अपने दौरे में इसका स्थलीय निरीक्षण भी किया था. जो कमियां रह गई थीं, उन्हें फरवरी में पूर्ण करने का निर्देश भी दिया था और अब जब उनकी सरकार का 5 फरवरी को बजट पेश हुआ तो यहां के शेष कार्यों के लिए चार करोड़ रुपये देकर इसे नए सत्र से शुरू करने के अपने मजबूत संकल्प को भी दिखा दिया.
सैनिक स्कूल के शिक्षा की पूरे भारत वर्ष में चर्चा होती है. ऐसे में किसी भी क्षेत्र में सैनिक स्कूल का होना बड़ी उपलब्धि होती है. पूर्वांचल के जिस हिस्से में इसकी स्थापना हुई है, वह गोरखपुर शिक्षा के लिए बड़ा केंद्र बन चुका है. स्वास्थ्य सुविधा के लिए भी पड़ोसी एक दर्जन जिले के लोग यहां पर निर्भर हैं. ऐसे में सैनिक स्कूल में भी देवरिया, कुशीनगर, महाराजगंज, सिद्धार्थनगर, संतकबीर नगर, बस्ती, गाजीपुर, मऊ, अंबेडकर नगर, बलिया जैसे जिलों के लोग अपने बच्चों के दाखिले का यहां प्रयास करेंगे.
वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट में चार करोड़ रुपये का प्रावधान होने से इस सत्र से यहां पढ़ाई शुरू कराने की दिशा में कदम बढ़ गया हैं. सैनिक स्कूल में इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट के कार्य लगभग पूर्ण हो चुके हैं. जो भी काम शेष हैं, वह अब हो जाएंगे. 50 एकड़ के परिसर में 150 करोड़ की लागत से यह स्कूल बन रहा है. इसकी खुशी एक अधिवक्ता राजेश नारायण दुबे ने व्यक्त की. उन्होंने कहा कि वह अपने बेटे का सैनिक स्कूल में दाखिला दिलाने के लिए लखनऊ, दिल्ली, हिमाचल तक की यात्रा की. लेकिन, नहीं सफल हो पाए. उनकी इच्छा होगी कि उनकी बेटी यहां पर पढ़े.