गढ़वाः यह नजारा देखने को मिला गढ़वा जिला के एक विद्यालय में जहां गुरु और शिष्यों का प्रेम देखने को मिला. यह प्रेम देखने पर ऐसा लग रहा था मानों अपने भक्तों से भगवान बिछड़ रहें हों. जानिए आखिर ऐसा क्या हुआ.
बदलते परिवेश में भी गुरु-शिष्यों का अटूट प्रेम
कबीर दास का एक दोहा है कि गुरू गोविन्द दोऊ खड़े, काके लागूं पांय। बलिहारी गुरू अपने गोविन्द दियो बताय।। कबीर दास की इन पत्तियों को देखें तो उन्होंने भगवान से भी ऊपर एक शिष्य के लिए गुरु को बताया है. वहीं आरुणि की कहानी भी दर्शाता है कि गुरु का जीवन में कितना महत्व है. आज के बदलते परिवेश में भी दिखा गुरु का महत्व काफी मायने रखता है. जहां एक गुरु के सेवानिवृत होने पर शिष्यों में अपने गुरु के प्रति इतना प्रेम उमड़ा कि शिष्य गुरु से लिपटकर लगे रोने.
टीचर के रिटायरमेंट पर रोते स्टूडेंट्स (ETV Bharat) गुरु और शिष्य एक दूसरे से लिपटकर रोते दिखे
इस बदलते परिवेश में गुरु और शिष्य के रिश्तों में दूरियां नजर आती हैं. लेकिन इस बदलते परिवेश में भी एक वीडियो ने बता दिया कि गुरु और शिष्यों के बीच रिश्ते कैसे होने चाहिए. स्कूल के शिक्षक के द्वारा इस भावनात्मक पल को मोबाइल के कैमरे में कैद किया और सोशल मीडिया पर डाल दिया. ये भाव-विभोर करने वाला वीडियो तेजी से लोगों तक पहुंच रहा है. जहां एक शिक्षक के सेवानिवृति के पश्चात छात्राएं उन्हें पकड़ कर रो रही हैं. वहीं शिक्षक भी अपने साथी रिटायर होने पर विलाप करते दिख रहें हैं.
गढ़वा के मध्य विद्यालय का मामला
यह मामला गढ़वा जिला के मेराल प्रखंड के मध्य विद्यालय बिकताम का है. जहां सहायक शिक्षक विपिन महतो जिनके सेवानिवृत्ति पर सम्मान समारोह सह विदाई समारोह आयोजित की गई थी. जिसमें सभी शिक्षक और स्कूल के बच्चे शामिल हुए. उनकी विदाई के दौरान विद्यालय के सभी छात्र-छात्राएं एकाएक अपने सेवानिवृत शिक्षक से लिपटकर रोने लगे. शिक्षक भी अपने प्रति शिष्यों का प्रेम देखकर वह भी अपने आपको नहीं रोक पाए और वह भी रोने लगे. यह पल ऐसा दिख रहा था मानो गुरु दक्षिणा के रूप में शिष्यों द्वारा गुरु को अश्रुदान दिया जा रहा हो.
जानकारी देते जिला शिक्षा अधीक्षक (ETV Bharat) इस वीडियो से दूसरे शिक्षक लें प्रेरणा- जिला शिक्षा अधीक्षक
इस मामले पर जिला शिक्षा अधीक्षक कैसर रजा ने कहा कि इस वीडियो को देखने से यही प्रतीत होता है कि शिक्षक और छात्रों के बीच कितना जुड़ाव रहा है और शिक्षक विद्यालय के प्रति कितने संवेदनशील रहें होंगे. सेवानिवृत होने के बाद शिष्यों को लगा कि हम शिक्षक को नहीं बल्कि अपने अभिभावक को विदा कर रहें हैं. मैं चाहूंगा कि ये वीडियो खूब वायरल हो ताकि और लोगों को संदेश मिले.
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