महासमुंद :महासमुंद का शिशुपाल पर्वत लोगों को अपनी ओर आकर्षित करता है.दूर-दूर से पर्यटक इस पर्वत पर चढ़कर यहां से गिरने वाले घोड़ाधार झरना का नजारा लेते हैं.इसी के साथ ही साथ शिशुपाल पर्वत पर कुछ पर्यटक ऐसी हरकतें भी करते हैं जिससे उनकी जान पर बन आती है.वहीं कुछ पर्यटक इस जगह को इतना गंदा कर देते हैं कि दूसरे लोगों को काफी परेशानी होती है.इसलिए वन विभाग और जिला प्रशासन ने इस समस्या से बचने के लिए रास्ता निकाला है.
जान लिजिए शिशुपाल पर्वत पर घूमने के नए नियम :शिशुपाल पर्वत के मुख्य द्वार पर वनविभाग ने एक बेरियर बनाया है.अब विभाग पर्वत पर चढ़ने वालों से 20 रुपए प्रति व्यक्ति का शुल्क लेगा.इसके लिए सुरक्षा गार्ड तैनात किए गए हैं. इसके अलावा शिशुपाल पर्वत के नीचे या ऊपर प्लास्टिक का इस्तेमाल करना पूरी तरह से प्रतिबंधित किया गया है. शिशुपाल पर्वत पर बैठकर यदि किसी ने शराबखोरी की तो समझिए उसकी शामत आ जाएगी. साथ ही साथ बिना वन विभाग की अनुमति के बिना कोई भी शख्स शिशुपाल पर्वत पर टेंट नहीं लगा सकता है.वन विभाग ने शिशुलाप पर्वत पर आग लगाने से लेकर पेड़ काटने और कूड़ा कचरा फैलाने पर जुर्माने का प्रावधान कर दिया है.
क्यों बनाया गया सख्त नियम ? :वन विभाग सरायपाली के एसडीओ अनिल भास्करण ने बताया है कि ये पर्वत जैव विविधता से पूर्ण एक दर्शनीय स्थल है.साथ ही लगातार हो रहे पर्यटकों की मौतों के कारण ऐसा सख्त नियम कानून बनाया गया है.
''अभी तक इस दर्शनीय पर्वत पर 15 से भी ज्यादा पर्यटकों ने एक हजार फीट की ऊंचाई से गिरकर अपनी जान गंवाई है. इसलिए शिशुपाल पर्वत पर जाने वाले अगर नियम तोड़ते हैं तो उन पर भारतीय वन अधिनियम 1927 की धारा 26 (1) के तहत राज्य सरकार के किसी भी नियम के उल्लंघन पर एक वर्ष तक का कारावास और 15 हजार जुर्माना लगाया जाएगा.पहली बार वनविभाग ने ऐसे कड़े नियम बनाए हैं.'' अनिल भास्करण, SDO