कांग्रेस के उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल (Video : Etv bharat) बाड़मेर.बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के उम्मीदवार उम्मेदाराम बेनीवाल जीतने में कामयाब रहे. उनकी इस जीत के पीछे रोचक मिथक जुड़ा हुआ है कि बायतु से चुनाव हारने वाला बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा सीट पर चुनाव जीत कर संसद पहुंचता है. इस बात की पुष्टि पिछले तीन बार के लोकसभा चुनाव के नतीजों से होती आई है.
बायतु से होकर गुजरता है दिल्ली का रास्ता : बायतु विधानसभा सीट की खासियत यह है कि जब से इस सीट का गठन हुआ है तब से लेकर आज तक चार बार विधानसभा चुनाव हुए हैं. चारों चुनावों में जाट प्रतिनिधि की जीत हुई है. इस विधानसभा सीट से एक मिथक यह भी जुड़ा हुआ है कि बायतु से चुनाव हारने वाले लोकसभा का चुनाव जीतता है. यानी कि बायतु से चुनाव हारो, दिल्ली पहुंचों.
3 लोकसभा चुनाव का यही रहा परिणाम : दरअसल कर्नल सोनाराम चौधरी ने साल 2013 में बायतु विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ा था, लेकिन हार गए. इसके बाद उन्होंने साल 2014 का लोकसभा चुनाव लड़ा और जीतकर सांसद बने. इसी तरह कैलाश चौधरी ने भी साल 2018 में बायतु से विधानसभा का चुनाव लड़ा लेकिन उन्हें भी हार का सामना करना पड़ा और साल 2019 में उन्होंने लोकसभा का चुनाव लड़ा और वो भी चुनाव जीत कर संसद पहुंचे. उम्मेदाराम बेनीवाल ने भी साल 2023 में बायतु सीट पर विधानसभा का चुनाव लड़ा था लेकिन बेनीवाल भी चुनाव हार गए थे. लेकिन इस सीट से जुड़े मिथक के अनुसार बायतु विधानसभा का चुनाव हार चुके उम्मेदाराम बेनीवाल को साल 2024 के लोकसभा चुनाव में जीत हासिल हुई है और वो भी दिल्ली की संसद में पहुंच गए हैं.
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संसदीय क्षेत्र के लोगों का यहां विशेष मन : इसको लेकर कांग्रेस से विजयी हुए उम्मेदाराम बेनीवाल एक सवाल के जवाब में हंसते हुए कहते हैं कि बायतु के लोगों पर बाड़मेर-जैसलमेर और बालोतरा के पूरे संसदीय क्षेत्र का विशेष मन रहता है. उन्होंने कहा कि इसलिए ऐसा होता आया है.