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योगिनी एकादशी मंगलवार को, इस बीमारी से पीड़ित हैं तो मुक्ति के लिए करना चाहिए ये व्रत - Yogini Ekadashi 2024

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का महत्व शास्त्रों में बताया गया है. हर महीने में आने वाली दो एकादशी तिथियों का अपना एक महत्व है और इन्हीं में से एक योगिनी एकादशी है. आषाढ़ मास की एकादशी तिथि को योगिनी एकादशी कहते हैं. इस दिन व्रत व उपवास करने से चर्म रोगों का नाश होता है.

Yogini Ekadashi
योगिनी एकादशी मंगलवार को (photo etv bharat bikaner)

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 1, 2024, 1:19 PM IST

बीकानेर. सनातन संस्कृति में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है. हर एकादशी का अपना अलग फल है. साल भर आने वाली एका​दशी में से आषाढ़ मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को योगिनी एकादशी कहा जाता है. यह एकादशी न केवल धार्मिक रूप से फलदायी है, वरन इसका ज्योतिषीय व रोगोपचार में भी महत्व है. योगिनी एकादशी का व्रत करने से बीमारियों में भी लाभ मिलता है, लेकिन इसे विशेष विधि से ही करना चाहिए.

ज्योतिषाचार्य कपिल जोशी कहते हैं कि एकादशी की रात्रि को श्रीविष्णुसहस्रनाम का मध्यान्ह रात्रि तक पाठ करना चाहिए. श्रीहरि के जागरण पाठ करते समय रात में दीपक जलाने वाले का पुण्य किसी भी जीवन में नष्ट नहीं होता है. इस विधि से व्रत से उत्तम फल प्राप्त होता है. एकादशी के दिन श्रीविष्णुसहस्रनाम पाठ से घर में सुख-शांति बनी रहती है.

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इन मंत्र का जाप करें:'राम रामेति रामेति रमे रामे मनोरमे, सहस्रनाम तत्तुल्यं रामनाम वरानने' एकादशी के दिन इस मंत्र का जप करने से श्रीविष्णुसहस्रनाम के जप के समान पुण्य प्राप्त होता है. ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ इस द्वादश अक्षर मंत्र अथवा गुरुमंत्र का भी जाप करना चाहिए.

न करें ये काम: जोशी कहते हैं कि एकादशी के दिन घर में झाडू लगाने से बचना चाहिए आवश्यकता होने पर कपड़े से पोंछा लगाया जा सकता है. इस दिन क्षौर कार्य जैसे शेविंग और बाल नहीं कटवाना चाहिए. यथाशक्ति अन्नदान करना चाहिए और अन्नदान लेना नहीं चाहिए. एकादशी के दिन व्रत करने वाले को गोभी, गाजर, शलजम, पालक नहीं खाना चाहिए. एकादशी के दिन भूल कर भी चावल नहीं खाना चाहिए न ही किसी को खिलाना चाहिए.

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चर्म रोग से मिलती है मुक्ति:जोशी के अनुसार इस दिन व्रत करने से सभी प्रकार के पाप श्राप से मुक्ति मिलती है. ऐसी मान्यता है कि चर्म रोग से पीड़ित व्यक्ति को इस व्रत के करने से लाभ होता है और रोग मुक्ति मिल जाती है. शास्त्रों में बताया गया है कि इस दिन व्रत करने से कई हजार ब्राह्मणों को भोज कराने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है.

भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की करें पूजा: एकादशी तिथि को भगवान विष्णु की पूजा आराधना माता लक्ष्मी के साथ की जाती है. इस दिन पीपल के वृक्ष की भी पूजा करनी चाहिए. इस दिन पूरे संयम के साथ व्रत रखते हुए सात्विक जीवन का पालन करना चाहिए. भगवान विष्णु की आराधना पूजा और उनके मंत्रों का जाप करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है.

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