रांची:झारखंड सामान्य स्नातक योग्यताधारी संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा 2023 की प्रश्न पत्र लीक होने के बाद उठे विवाद को देखते हुए राज्य सरकार ने आखिरकार इसकी जांच एसआईटी से करने का निर्णय लिया है. 28 जनवरी को हुई परीक्षा के प्रश्न लीक होने की जांच का जिम्मा रांची सदर के पुलिस उपाधीक्षक संजीव कुमार बेसरा को दिया गया है.
संजीव कुमार बेसरा के नेतृत्व में गठित स्पेशल टास्क फोर्स में चार पुलिस निरीक्षक समेत अन्य पुलिसकर्मी शामिल हैं. बता दें कि प्रश्न पत्र लीक होने के बाद छात्रों का आंदोलन लगातार जारी रहा, इस दौरान झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के दफ्तर पर आक्रोशित छात्रों ने प्रदर्शन करते हुए आयोग के अध्यक्ष की गाड़ी और गेट को भी क्षतिग्रस्त किया था. इसके बाद 4 फरवरी की परीक्षा को भी स्थगित करते हुए झारखंड कर्मचारी चयन आयोग ने 28 जनवरी को हुई तीनों पालियों की परीक्षा को भी रद्द कर दिया था. इन सब के बीच नामकुम थाना में 29 जनवरी को आईपीसी की धारा 467/ 468/ 420 और 120 बी के तहत झारखंड कर्मचारी चयन आयोग के द्वारा कांड दर्ज किया गया है.
प्रश्नपत्र लीक की जांच सीबीआई से हो-बाबूलाल:इन सब के बीच भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने स्नातक स्तरीय प्रतियोगिता परीक्षा में पेपर लीक होने की जांच सीबीआई से कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी गड़बड़ी हुई है और तत्कालीन मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की जानकारी में ना हो यह हो ही नहीं सकता. उन्होंने कहा कि इसमें हेमंत सोरेन के आसपास रहने वाले लोगों की भूमिका से इनकार नहीं किया जा सकता. सरकार को आंदोलन करनेवाले छात्रों के उपर एफआईआर करने के बजाय झारखंड कर्मचारी चयन आयोग और उसके अध्यक्ष पर कांड दर्ज करना चाहिए कि आखिर इतना बड़ा धोखा छात्रों के साथ क्यों किया.
इस परीक्षा में करीब 6.50 लाख विद्यार्थी शामिल हैं जिनसे यह पता चला है कि परीक्षा से पहले 25 से 30 लाख रुपए में प्रश्न पत्र के बेचे गए. इस तरह से छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया गया है. ऐसे में बाबूलाल मरांडी ने मुख्यमंत्री चंपई सोरेन से इस मामले में जांच करने से पहले आयोग के अध्यक्ष और परीक्षा आयोजित करने वाली एजेंसी पर कांड दर्ज करने की मांग की है.