राजस्थान

rajasthan

ETV Bharat / state

छोटी काशी में एक वर्षीय धर्म अनुष्ठान, 365 दिन चलेगा शिव शक्ति महायज्ञ - Shiv Shakti Maha Yagya

जयपुर में एक वर्षीय अखंड शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया. युवाओं को आध्यात्म और श्रीमद्भगवद्गीता से जोड़ने की कवायद. अक्टूबर 2025 तक चलेगा महायज्ञ.

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 4 hours ago

Shiv Shakti Maha Yagya
365 दिन चलेगा शिव शक्ति महायज्ञ (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर: राजधानी जयपुर में युवाओं को आध्यात्म और श्रीमद्भगवद्गीता से जोड़ने के लिए एक वर्षीय अखंड शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. अक्टूबर 2025 तक चलने वाले इस महायज्ञ के दौरान श्रीमद्भागवत कथा, नौ दिवसीय श्री देवी भागवत कथा, श्री राम कथा, शिव महापुराण कथा और संगीत में भक्तमाल की कथा का भी आयोजन होगा. वहीं, हर दिन महामृत्युंजय जाप और 51 हजार विराट दीप यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. खास बात ये है कि यज्ञ में बैठने वाले यजमान के लिए भारतीय परिधान अनिवार्य किया गया है.

धर्म शास्त्रों में यज्ञ को श्रेष्ठ कर्म माना गया है. वहीं, वर्तमान परिस्थितियों में यज्ञ को पर्यावरण और वातावरण को शुद्ध करने के नजरिए से भी देखा जाता है. इसी भाव के साथ युवाओं को आध्यात्म के साथ जोड़ने के लिए छोटी काशी में पहली बार 365 दिन शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. जयपुर के बनी पार्क स्थित शांति जीवन भवन में संतोष सागर महाराज के सानिध्य में इस एक वर्षीय महायज्ञ को शुरू किया गया है. जिसमें हर दिन अलग-अलग यजमान को आमंत्रित किया जाएगा.

छोटी काशी में एक वर्षीय धर्म अनुष्ठान (ETV Bharat Jaipur)

इस संबंध में संतोष सागर महाराज ने बताया कि प्राचीन समय में सनातन धर्म में तीन तरह के विशेष यज्ञ (वाजपेई यज्ञ, अश्वमेध यज्ञ और राजसु यज्ञ) हुआ करते थे. धीरे-धीरे लोग इन यज्ञों का नाम भी भूलने लगे हैं. इसलिए इन तीनों यज्ञों को आधार मानते हुए शिव शक्ति महायज्ञ का आयोजन किया जा रहा है, जो 365 दिन चलेगा.

उन्होंने बताया कि लोक कल्याण के लिए युवाओं में आध्यात्मिक ऊर्जा भरने के लिए ये यज्ञ हो रहा है. इस यज्ञ से वातावरण और पर्यावरण शुद्ध होंगे. ये यज्ञ ज्ञान-विज्ञान का समागम है. इससे बल, बुद्धि, बहादुरी, समझदारी मिलेगी. संतोष सागर महाराज ने बताया कि बनारस में 10 अश्वमेध घाट है, जहां भगवान रामचंद्र ने यज्ञ किया, लेकिन अश्वमेध यज्ञ का मतलब केवल चक्रवर्ती सम्राट बनना ही नहीं.

पढ़ें :पुष्कर में यहां गिरी थी सती माता की कलाइयां, स्थानीय लोगों के लिए हैं चामुंडा माता, ये है पौराणिक कथा - SHARDIYA NAVRATRI 2024

अश्व का मतलब होता है स्फूर्ति-ताकत और मेध का मतलब होता है बुद्धि. ऐसे में ताकत और बुद्धि दोनों जिस यज्ञ से प्राप्त हो उसे अश्वमेध कहा जा सकता है. इस महायज्ञ को शिव शक्ति महायज्ञ नाम दिया गया है, जिससे पर्यावरण संरक्षण, प्रतिभा संवर्धन, वैचारिक उत्कृष्टता, मानवोचित गुणों का विकास, समग्र स्वास्थ्य, संस्कारों की पुनर्स्थापना, बुद्धि का विकास और वातावरण का परिशोधन होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details