बाड़मेर:जिले के शिव से निर्दलीय विधायक रविन्द्र सिंह भाटी ने राजस्थान विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 के बजट पर अपनी प्रतिक्रिया रखते हुए सरकार के कुछ निर्णयों की सराहना की, तो वहीं पश्चिमी राजस्थान की उपेक्षा पर गंभीर चिंता भी व्यक्त की. विधायक ने कहा कि पश्चिमी राजस्थान के कई गांव आज भी मूलभूत समस्या से वंचित है.
विधायक भाटी ने बजट में शिव विधानसभा क्षेत्र को दो नए जीएसएस (अगासड़ी और गंगापुरा) दिए जाने, राजडाल के लिए सड़क निर्माण का बजट आवंटित करने और मरुस्थलीय क्षेत्रों की सड़कों के लिए 15 करोड़ रुपए की स्वीकृति पर सरकार का आभार व्यक्त किया. साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा द्वारा 'थार सीमा क्षेत्र विकास कार्यक्रम' शुरू करने, 'डेजर्ट एडवेंचर टूरिज्म' को बढ़ावा देने और रामदेरिया (उंडू-काश्मीर) के लिए विशेष पैकेज आवंटित करने के फैसले की सराहना की.
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ड्राई पोर्ट की मांग: भाटी ने सरकार से मांग की कि बाखासर में ड्राईपोर्ट स्थापित किया जाए, जिससे क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ें. साथ ही उन्होंने पश्चिमी राजस्थान के लिए डब्ल्यूआरसीपी (वेस्टर्न राजस्थान केनाल प्रोजेक्ट) की मांग को फिर से दोहराया. जल संकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए भाटी ने कहा कि आगामी गर्मियों में जल संकट विकराल रूप लेने वाला है, लेकिन सिर्फ 10 हैंडपंप और 5 ट्यूबवेल से 610 गांवों तक पानी पहुंचाना असंभव है. ऐसे में पश्चिमी राजस्थान के लिए विशेष जल आपूर्ति योजना बनाई जानी चाहिए.
बिजली संकट पर उन्होंने कहा कि पश्चिमी राजस्थान, जो पूरे प्रदेश को बिजली देने में सक्षम है, वहीं खुद बिजली कटौती से जूझ रहा है. किसानों को छह घंटे तक भी पर्याप्त बिजली नहीं मिल पा रही, जिससे कृषि कार्य प्रभावित हो रहा है. उन्होंने 2016 से लंबित कृषि कनेक्शनों को जल्द जारी करने की भी मांग की. भाटी ने पश्चिमी राजस्थान में गड़रा रोड और शिव क्षेत्र में जिला अस्पताल की आवश्यकता पर जोर दिया, क्योंकि इस क्षेत्र में गांवों के बीच की दूरी 20 से 30 किलोमीटर तक होती है, जिससे स्वास्थ्य सुविधाएं आसानी से उपलब्ध नहीं हो पाती.
डीएनपी के गांव मूलभूत सुविधाओं से वंचित:डीएनपी (डेज़र्ट नेशनल पार्क) क्षेत्र की समस्याओं को उठाते हुए उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र के 118 गांव आज भी बिजली, पानी और नेटवर्क जैसी मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि संबंधित मंत्री डीएनपी क्षेत्र का दौरा कर वहां की वास्तविक स्थिति देखें. उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि जल, बिजली, सड़क, शिक्षा और चिकित्सा जैसी बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता दी जाए, ताकि प्रदेश के इस पिछड़े क्षेत्र को मुख्यधारा से जोड़ा जा सके.