श्योपुर। जिस मां ने अनाथालय से दो साल के बच्चे को गोद लेकर बड़े अरमान से पाला पोसा, उसे अपना नाम दिया और पढ़ाया लिखाया लेकिन उसे क्या पता था कि उनका यही गोद लिया बेटा उनकी ही हत्या कर देगा वह भी महज चंद रुपयों के लिए. जबकि आरोपी को पता था कि मां के बाद पूरी संपत्ति उसी की थी. इस कपूत ने विधवा मां को पहले बेरहमी से मौत के घाट उतारा और फिर उसके शव को घर में ही सीढ़ी के नीचे बने एक बाथरूम में दफना दिया, और तो और उसी ने थाने में जाकर मां की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई. फिलहाल पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर पूरे मामले का खुलासा कर दिया है.
गोद लिए बेटे ने मां को मारकर घर में दफनाया
श्योपुर में कलयुगी बेटे की दिल दहला देने वाली करतूत सामने आई है. शहर के वार्ड नं 7 में रहने वाली बुजुर्ग महिला उषा पचौरी का कत्ल उसके ही गोद लिए बेटे दीपक पचौरी ने कर दिया और कत्ल करने के बाद शव को घर में ही दफना दिया. घटना को छुपाने के लिए थाना पहुंच कर गुमशुदगी दर्ज करा दी. उसके बाद पुलिस ने मामला दर्ज कर रिश्तेदारों और आसपास पड़ोसियों से पूछताछ की गई तो कोई सुराग नही मिला. इसके बाद पुलिस ने शक के आधार पर बेटे को हिरासत में लेकर जब सख्ती से पूछताछ की तो बेटे ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और पुलिस ने मकान के अंदर सीढ़ी के नीचे बने बाथरुम को खोदकर शव निकाला.
शेयर बाजार और सट्टे की लत ने बनाया कातिल
पुलिस की पड़ताल में जो बात सामने निकलकर आई उसके अनुसार आरोपी दीपक को शेयर बाजार और सट्टे की लत लग गई थी. और अपने पिता की कई एफडी में नॉमिनी होने के चलते उसने लगभग 20 लाख रुपये शेयर बाजार और सट्टे में गंवा दिया था. उसके बाद उसकी नजर मां के नाम से मकान और 30 लाख की एफडी पर थी. आरोपी दीपक ने जब मां से और रकम की मांग की तो मां ने मना कर दिया और दीपक ने अपनी ही मां को मौत के घाट उतार दिया.
अनाथालय से लिया था गोद
शहर के रेलवे कॉलोनी निवासी भुवनेन्द्र पचौरी और उनकी पत्नी ऊषा देवी के कोई संतान नहीं थी इसलिए उन्होंने अनाथ आश्रम से दो साल के बच्चे को गोद लिया था. तब से दीपक मां-बाप के साथ रह रहा था. 2015 में भुवनेन्द्र सेवानिवृत्त हो गए और 2016 में हृदयाघात से उनकी मौत हो गई. तब से दीपक और ऊषा साथ रह रहे थे लेकिन दोनों मां बेटों के बीच कम बनती थी, इसलिए दीपक दिल्ली चला गया था. अभी तीन-चार दिन पहले ही वह दिल्ली से आया था तभी उसने 6 मई को सुबह विधवा मां को मौत के घाट उतारकर सीढ़ियों के नीचे बाथरूम में गड्ढा खोदकर दफन कर दिया. पड़ोसियों ने बताया कि 5 मई को दिन में उन्होंने ऊषा देवी को घर पर देखा था, उसके बाद वह दिखाई नहीं दी.