नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट में गुरुवार को दिल्ली हिंसा की साजिश रचने के आरोपी शरजील इमाम की ओर से कहा गया कि उसकी चैट में ऐसा कुछ भी नहीं है जो हिंसा भड़काने वाला हो. शरजील की ओर से कहा गया कि वो पांच सालों से ज्यादा से हिरासत में है और ट्रायल शुरु होने के जल्द कोई आसार नहीं है. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने शरजील की जमानत याचिका पर अगली सुनवाई 20 दिसंबर को करने का आदेश दिया.
सुनवाई के दौरान शरजील इमाम की ओर से पेश वकील तालिब मुस्तफा ने कहा कि शरजील ने अलग-अलग स्थानों दिल्ली, अलीगढ़, बिहार और पश्चिम बंगाल में भाषण दिए. इन भाषणों के आधार पर दो एफआईआर दर्ज किए गए. मुस्तफा ने कहा कि पहला भाषण देने के एक महीने के बाद एक राजनेता ने शरजील का बयान वायरल कर दिया, जिसके बाद कई एफआईआर दर्ज की गईं.
वकील तालिब मुस्तफा ने कहा कि जांच के दौरान शरजील के मोबाइल का डाटा परीक्षण किया गया, जिसमें पाया गया कि चक्का जाम आयोजित करने में उसकी भूमिका थी. लेकिन शरजील के सह-आरोपियों के साथ चैट को देखने के बाद ऐसा कहीं नहीं लगता है कि वे हिंसा के भड़काने के लिए थे. वकील ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के एक आदेश का जिक्र किया जिसमें कहा गया था कि शरजील ने न तो किसी को बुलाया था और नहीं उसके भाषण से हिंसा भड़काने का कोई मामला था.