आगरा :ताजमहल में शाहजहां के उर्स पर रोक लगाने का मामला कोर्ट में चल रहा है. शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी ने बुधवार को कोर्ट में अपना जवाब दाखिल किया. कोर्ट ने अब इस मामले में अगली सुनवाई की तारीख 22 मई दी है. इस मामले में अब वादी अखिल भारत हिंदू महासभा अगली तारीख पर अपना जवाब कोर्ट के सामने रखेगा.
बता दें कि, अखिल भारत हिंदू महासभा ने फरवरी 2024 में आगरा के कोर्ट में शाहजहां के उर्स को लेकर एक वाद दायर किया था. जिसमें महासभा ने कहा था कि, ताजमहल के अंदर बिना अनुमति के उर्स कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. ये काम कई वर्षों से शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी कर रही है, जो गलत है. जबकि, उर्स के बारे में किसी विभाग से अनुमति नहीं ली जाती है. इस मामले में ही बुधवार को सुनवाई हुई. शहंशाह शाहजहां उर्स सेलिब्रेशन कमेटी ने अपने वकील के माध्यम से जवाब दाखिल किया. जिसमें उर्स कमेटी का कहना है कि, पुरातत्व विभाग की ओर से शाहजहां के उर्स के लिए मीटिंग की जाती है. सभी को सफल आयोजन की जिम्मेदारियां दी जाती हैं.
आरटीआई में मिली जानकारी :महासभा के अधिवक्ता अनिल तिवारी ने बताया कि, सबसे पहले एएसआई से आरटीआई में जानकारी मांगी गई थी. जिसमें ताजमहल में ये जानकारी मांगी गई थी कि, हर साल उर्स के लिए अनुमति कौन देता है. इस पर एएसआई से जवाब मिला था कि, पुरातत्व विभाग नई दिल्ली की अनुमति के बाद स्थानीय स्तर पर विभाग की ओर से उर्स का आयोजन किया जाता है. उर्स के आयोजन की कमेटी को कोई भी इजाजत नहीं दी जाती.
अधिवक्ता अनिल तिवारी ने बताया कि, कोर्ट में शाहजहां उर्स कमेटी ने अपना जवाब दिया है. जिसमें पुरातत्व विभाग के साथ कार्यक्रम से पहले हर साल एक मीटिंग बुलाने की बात लिखी है. उसी मीटिंग में उर्स कमेटी के प्रत्येक सदस्य के साइन करके उपस्थिति दर्ज कराई जाती है. सभी को जिम्मेदारी भी बांटी जाती है. कमेटी का दावा है कि, 2022, 2023 और 2024 एएसआई की बुलाई मीटिंग में हस्ताक्षर कराकर सदस्यों की उपस्थिति अपने विभाग के लेटर पैड की छाया प्रति कोर्ट के सामने प्रस्तुत की गई है. जिसके अब झूठ कौन बोल रहा है. उर्स आयोजन कमेटी झूठ बोल रही या एएसआई झूठ बोल रही है?
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