गोरखपुर: दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में छात्राओं के उत्पीड़न के मामले लगातार आ रहे हैं. पिछले दो दिन में दो प्रोफेसर इसकी जद में आ चुके हैं. इनके ऊपर यौन शोषण और शोध कार्य को बाधित करने के आरोप लगे हैं. एक मामले में तो जिस प्रोफेसर पर आरोप लगा है उसके विभाग के ही एक असिस्टेंट प्रोफेसर ने ही पुष्टि करते हुए इसकी लिखित शिकायत कुलपति से की है. यह मामला गणित विभाग का है. जिस छात्रा के साथ यह घटना घटी है वह काफी सहमी हुई है. वहीं दिशा छात्र संगठन से जुड़ी छात्राओं ने उत्पीड़न को लेकर विश्वविद्यालय गेट पर प्रदर्शन और नारेबाजी की.
ताजा मामला विश्वविद्यालय के गणित डिपार्टमेंट से जुड़ा हुआ है, जिसमें प्रोफेसर पर शोध छात्रा को जबरिया कमरे में बैठाने का आरोप लगा है. इसकी पुष्टि एक दूसरे शिक्षक ने भी की है. साथ ही उन्होंने कूट रचना करते हुए एक अयोग्य व्यक्ति को सह सुपरवाइजर बनाने और धर्मांतरण करने वाली संस्था से भी संबंध रखने की बात कही है. इन्हीं मामलों की शिकायत विश्वविद्यालय के गणित और सांख्यिकी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. राजेश पांडेय ने कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन को पत्र लिखकर की है.
उन्होंने विभाग के प्रोफेसर सुधीर कुमार श्रीवास्तव को बिना रिसर्च कमेटी की मीटिंग किए और कार्य परिषद के अध्यक्ष को अंधेरे में रखते हुए एक अयोग्य व्यक्ति को सह सुपरवाइजर बनाए जाने की शिकायत की है. जिसके ऊपर धर्मांतरण करने जैसे भी आरोप लगे हैं. उन्होंने कहा कि जिस छात्रा को शोध कार्यों के लिए प्रोफेसर श्रीवास्तव परेशान करते हैं, वह जब हिम्मत नहीं जुटा पाई और उसकी समस्या उनकी आंखों के सामने घटित हुई तो, वह इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों तक करने से खुद को रोक नहीं पाए.
वहीं दो दिन पहले यानी मंगलवार को विज्ञान संकाय से जुड़े एक असिस्टेंट प्रोफेसर पर छात्रा ने यौन शोषण का आरोप लगाया है. NSS के कोऑर्डिनेटर भी बनाए जाने के दौरान उसने ऐसी हरकत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने से शिकायतकर्ताओं का मनोबल टूटता गया और ऐसे शिक्षकों का मनोबल बढ़ रहा है. एक बार फिर यह दोनों मामले विश्वविद्यालय परिसर में गर्माहट बढ़ा रहे हैं. जबकि इसके पहले भी 23 मई 2023 को ऐसी ही शिकायत विश्वविद्यालय परिसर के एक असिस्टेंट प्रोफेसर के खिलाफ हुई थी, जिसकी जांच महिला आयोग से लेकर राजभवन तक से हुई लेकिन मामला ठंडे बस्ते में चला गया.
वहीं दोनों वालों में कुलपति प्रोफेसर पूनम टंडन का कहना है कि शिकायतों का संज्ञान लिया गया है. जैसे ही शिकायत मिली उसके लिए आंतरिक कमेटी बना दी गई है. कमेटी के रिपोर्ट के आधार पर ही कोई कार्रवाई की जा सकती है. छात्राओं ने उनसे भी मिलकर शिकायत की है. लेकिन सत्यता कमेटी के जरिए ही उजागर होगी. उसके बाद कार्रवाई की जाएगी. जिस असिस्टेंट प्रोफेसर पर छात्रा ने यौन शोषण का आरोप लगाया है उसकी भी शिकायत कुलपति से लेकर राजभवन तक मेल और पत्र के जरिए पहुंची है.
छात्रा का आरोप है कि असिस्टेंट प्रोफेसर उसे अक्सर अच्छे नंबर देने का प्रलोभन देते हुए, विभाग में छेड़छाड़ और गंदी नीयत, गंदे शब्दों के साथ बातचीत करते थे. हद तो तब हो गई जब उन्होंने 21 दिसंबर की रात को मोबाइल पर फोनकर अश्लील बातें की और उनके पास नहीं आने पर परीक्षा में परिणाम भुगतने की धमकी दी. छात्रा के पास इसकी रिकॉर्डिंग भी है. छात्रा ने न्याय न मिलने पर आत्महत्या करने की चेतावनी भी दी है.
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