गोरखपुर : खगोलीय घटना के दौरान चांद के विभिन्न स्वरूप को देखने के लिए तो लोग बेताब रहते ही हैं, बुद्ध पूर्णिमा के दिन भी चांद अपने विशेष रूप में नजर आता है. इस दिन इसका रंग और आकर्षण लोगों को इसे देखने के लिए अपनी ओर बरबस ही खींच लाता है.
गोरखपुर के वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला में कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला, जब बुद्ध पूर्णिमा की रात गुरुवार 23 अप्रैल को लोगों ने इकट्ठा होकर, टेलीस्कोप के जरिए चांद का अद्भुत नजारा देखा. इस दौरान उन्हें खगोलविद अमर पाल सिंह ने चांद के स्वरूप और उसकी प्रकृति की जानकारी भी दी. इस दिन चांद को कई नाम से भी जाना जाता है. शाम और सुबह को मई के महीने में पश्चिमी देशों में इस मौसम में जंगली फूल खिलने के कारण, रंगीन फूलों के कारण ही इसे 'फ्लावर मून' भी कहा जाता है. जैसे इस बार बुद्ध पूर्णिमा के चांद को फ्लावर मून, प्लांटिंग मून और मिल्क मून भी कहा गया.
खगोलविद अमरपाल ने कहा कि बुद्ध पूर्णिमा जिसे वैशाखी पूर्णिमा भी कहा जाता है. इस दौरान वीर बहादुर सिंह नक्षत्र शाला (तारामंडल) गोरखपुर में आम जन मानस को विशेष डोबसोनियन नाइट स्काई वॉचर टेलीस्कोप से, पूर्ण चंद्र का दीदार नि:शुल्क कराया गया. इस दौरान बुद्ध पूर्णिमा के चांद को देखकर लोगों ने चांद की खूबसूरती को खूब सराहा. साथ ही इस खगोलीय घटना के दौरान खगोल विद अमर पाल सिंह द्वारा इसकी बारीकी से जानकारी भी दी गई.