लखनऊ : समाज कल्याण विभाग प्रदेश में सभी 75 जिलों में चल रहे सर्वोदय विद्यालय की पढ़ाई की स्थिति में सुधार लाने के लिए अब इनकी ग्रेडिंग करने की तैयारी कर रहा है. इस सत्र से इन सभी सर्वोदय विद्यालयों को ग्रेडिंग के आधार पर उनके गुणवत्ता को जांचा जाएगा. समाज कल्याण निदेशक ने इस संबंध में सभी जिलों को आदेश जारी कर दिया है.
94 आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन : ग्रेडिंग सिस्टम में तय अंक के आधार पर विद्यालय का मूल्यांकन कर उन्हें गोल्ड, सिल्वर और ब्रॉन्ज की कैटेगरी में रखा जाएगा. हर श्रेणी में टॉप 10 विद्यालय को रखे जाने की व्यवस्था की गई है. जानकारी के अनुसार, समाज कल्याण विभाग की ओर से प्रदेश के 75 जिलों में 94 आश्रम पद्धति विद्यालयों का संचालन किया जाता है. इनमें से 54 विद्यालयों को यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त है, जबकि शेष विद्यालय सीबीएसई बोर्ड से मान्यता प्राप्त है. दोनों बोर्ड से जुड़े विद्यालयों की रैंकिंग के लिए अलग-अलग ग्रेडिंग प्रक्रिया अपनाई जाएगी.
पांच बार किया जाएगा इन सभी विद्यालयों का मूल्यांकन :समाज कल्याण विभाग की ओर से जारी सूचना के अनुसार, यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त सभी सर्वोदय विद्यालयों का मूल्यांकन वर्ष में पांच बार किया जाएगा. यह मूल्यांकन मई, अगस्त, अक्टूबर और दिसंबर महीने में अर्धवार्षिक परीक्षा और फरवरी में वार्षिक परीक्षा के बाद होगी. मई से अक्टूबर के बीच तीन बार यूनिट टेस्ट भी कराए जाएंगे. समाज कल्याण निदेशक कुमार प्रशांत की ओर से विभागीय अधिकारियों के साथ सभी विद्यालयों के प्रधानाचार्य को इस संबंध में दिशा निर्देश भेजे गए हैं. भेजे गए दिशा निर्देश में कहा गया है कि ग्रेडिंग के लिए प्रत्येक शैक्षणिक सत्र के प्रत्येक विद्यालय का पांच बार मूल्यांकन होगा. पहले मूल्यांकन बोर्ड परीक्षा के बाद, दूसरा मूल्यांकन पहले यूनिट टेस्ट के बाद, तीसरा मूल्यांकन दूसरा यूनिट टेस्ट के बाद, चौथा मूल्यांकन अर्धवार्षिक परीक्षा के बाद और पांचवां मूल्यांकन वार्षिक परीक्षा के बाद होगा. विद्यालयों में यूनिट टेस्ट करने का निर्णय पिछले शैक्षिक सत्र में लिया गया था.
केवल दो विद्यालय ही ए श्रेणी में रखे जाएंगे :यूपी बोर्ड के हाईस्कूल व इंटरमीडिएट के परीक्षा परिणाम आने पर विभाग ने यूपी बोर्ड से जुड़े 51 विद्यालयों की ग्रेडिंग कराई है. सिर्फ दो विद्यालय, सर्वोदय बालिका विद्यालय कौड़िहार प्रयागराज और सर्वोदय विद्यालय मेहरौना देवरिया ही A श्रेणी में आए हैं. जबकि, हमीरपुर, महोबा, बांदा, कानपुर नगर और कौशांबी के पांच विद्यालय B श्रेणी में अपनी जगह बना पाए हैं, बाकी 44 विद्यालय C और D श्रेणी में आए हैं.