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उत्तरकाशी मस्जिद विवाद, धरने पर बैठे हिंदू संगठन, पुलिस-प्रशासन को दी चेतावनी! - UTTARKASHI MOSQUE DISPUTE

संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ ने उत्तरकाशी में एक दिवसीय सांकेतिक धरना, गिरफ्तार युवकों को छोड़ने की मांग.

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संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ का धरना. (ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 4, 2024, 3:53 PM IST

Updated : Nov 4, 2024, 5:06 PM IST

उत्तरकाशी: उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मस्जिद को लेकर शुरू हुआ विवाद खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है. हिंदू संगठनों ने सोमवार को होने वाली प्रस्तावित महापंचायत भले ही स्थगित कर दी हो, लेकिन संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ से जुड़े लोग हनुमान चौक पर एक दिवसीय सांकेतिक धरना देकर अपना विरोध जरूर जताया.

संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ की मांग है कि शांति भंग के आरोप में गिरफ्तार किए गए तीनों युवकों को जल्द ही रिहा किया जाए. इसके साथ ही जनाक्रोश रैली में शामिल लोगों पर लाठीचार्ज का आदेश देने व लाठीचार्च करने वाले पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है.

बात दें कि उत्तरकाशी शहर में मस्जिद विवाद को लेकर 24 अक्टूबर को बवाल का रूप ले लिया था. संयुक्त सनातन धर्म रक्षक दल की ओर से मस्जिद के खिलाफ जनाक्रोश रैली निकली थी. प्रदर्शनकारी तय रूट को छोड़कर मस्जिद की ओर जाने वाली रोड जाने का प्रयास कर रहे थे, लेकिन पुलिस ने बैरिकेडिंग लगाकर प्रदर्शनकारियों को रोक लिया. इसके बाद प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच नोकझोंक भी हुई.

इस दौरान ढाई घंटे तक गतिरोध की स्थिति बनी रही. इस बीच कहीं से पुलिस की ओर बोतल फेंकी गई, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर भीड़ को खदेड़ा. इससे गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव भी कर दिया. पथराव और लाठीचार्ज में प्रदर्शनकारी व पुलिस कर्मी सहित कुल 27 लोग घायल हुए हैं.

वहीं, इस घटना के बाद पुलिस ने इलाकों में शांति व्यवस्था बहाल करने के लिए धारा 163 लागू की थी. साथ ही आठ नामजद समेत 208 के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज किया था, जिसमें से तीन लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.

वहीं, सोमवार को हनुमान चौक पर संयुक्त सनातन धर्म रक्षक संघ से जुडे लोग सांकेतिक धरने पर बैठे. उन्होंने कहा कि वे बीती 24 अक्टूबर को मस्जिद के खिलाफ आयोजित जनाक्रोश रैली के दौरान हुई पत्थरबाजी और लाठीचार्ज की घटना की घोर निंदा करते हैं. साथ ही गिरफ्तार हुए तीन आंदोलनकारियों को रिहा कर सशर्त उन पर लगी सभी संगीन धाराएं हटाने की मांग की. कहा कि यदि शीघ्र ही उन्हें जेल से रिहा नहीं किया गया तो उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा.

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Last Updated : Nov 4, 2024, 5:06 PM IST

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