Samuhik Vivah Yojana: लखनऊ:समाज कल्याण विभाग में प्रदेश के गरीब परिवार की बेटियों की शादी के लिए आयोजित होने वाले सामूहिक विवाह योजना के नियमों में संशोधन किया है. विभाग की ओर से सामूहिक विवाह योजना को लेकर नई गाइडलाइन (एसओपी) जारी की गई है. विभाग की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार किसी भी जिले में एक स्थान पर 100 से कम जोड़ों के विवाह कराए जाने या 100 से अधिक जोड़ों के विवाह होने की स्थिति में उसे जिले के जिलाधिकारी विवाह स्थल पर खुद उपस्थित होंगे.
इसके अलावा आयोजन के समय पात्र जोड़ों की जांच और पंजीकरण काउंटर के साथ मण्डल के उपनिदेशक व निकट जनपद के जिला समाज कल्याण अधिकारी भी मौके पर मौजूद होकर व्यवस्थाओं का जायजा लेंगे. इस पूरे विवाह समारोह की एक विस्तृत रिपोर्ट विभाग को प्रस्तुत करेंगे.
10 प्रतिशत चयनित जोड़ों का होगा रैंडम वेरिफिकेशन
विभाग की ओर से जारी नई गाइडलाइन के अनुसार सामूहिक विवाह के लिए चयनित जोड़ों में से 10 प्रतिशत जोड़ों के रैंडम वेरिफिकेशन उस जिले के जिलाधिकारी, राजस्व या अन्य विभाग के अधिकारियों द्वारा किए जाने का प्रावधान किया गया है. जांच प्रक्रिया को पुख्ता किए जाने के लिए जनपद स्तरीय समिति का गठन करना होगा. इसमें पोर्टल से जेनरेट वेरिफिकेशन प्रारूप पर जांच अधिकारी द्वारा रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी. जांच के दौरान मौके पर उपस्थित आस पड़ोस के व्यक्तियों से पूर्व में विवाह न होने की होगी पुष्टि की जाएगी, जिससे किसी भी दशा में अपात्र योजना का लाभ प्राप्त न कर सकें.
डिजिटल सिग्नेचर से ही आवेदन के वेरिफिकेशन होंगे
इसके अलावा जांच प्रक्रिया को मजबूत करने के साथ ही अब संबंधित खंड विकास अधिकारी, अधिशाषी अधिकारी व जिला समाज कल्याण अधिकारी स्तर से डिजिटल सिग्नेचर से स्वीकृत आवेदन ही सामूहिक विवाह में शामिल हो सकेंगे.आवेदन के दौरान आधार डेमोग्राफिक प्रमाणीकरण के द्वारा वर की 21 वर्ष व कन्या की आयु 18 वर्ष से अधिक होने पर ही ऑनलाइन आवेदन की भी व्यवस्था पोर्टल पर की गई है.