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साहित्य अकादमी का भाषा सम्मान अर्पण समारोह सम्पन्न, 2021 व 2023 के लिए सात स्कॉलर को पुरस्कार - Sahitya Akademi Bhasha Samman Arpan

Sahitya Akademi's Bhasha Samman Arpan Ceremony: दिल्ली में बीते गुरूवार 29 अगस्त को साहित्य अकादमी द्वारा भाषा-सम्मान अर्पण समारोह प्रदान किया गया. इस मौके पर कालजयी और मध्यकालीन साहित्य को आम लोगों तक उनकी भाषा में पहुंचाने वाले सात साहित्यकारों को सम्मानित किया गया.

साहित्य अकादेमी का भाषा सम्मान अर्पण समारोह सम्पन्न
साहित्य अकादेमी का भाषा सम्मान अर्पण समारोह सम्पन्न (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 30, 2024, 1:43 PM IST

नई दिल्ली :दिल्ली मेंसाहित्य अकादमी द्वारा गुरूवार 29 अगस्त वर्ष 2021 और 2023 के भाषा-सम्मान प्रदान किए गए. भाषा-सम्मान अर्पण समारोह की अध्यक्षता साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक ने की. अपने अध्यक्षीय भाषण में उन्होंने कहा कि यह सम्मान हमारी ऋषि परंपरा का सम्मान है, जो एक तरह से भारतीय ज्ञान परंपरा का भी सम्मान है. हम इसे भारतीय ज्ञान का उत्सव कह सकते हैं. आगे उन्होंने कहा कि कालजयी और मध्यकालीन साहित्य को आम लोगों तक उनकी भाषा में पहुंचाने का बेहद महत्त्वपूर्ण कार्य इन भाषा विद्वानों ने किया है. अतः इनको पुरस्कृत कर साहित्य अकादमी भी अपने को सम्मानित होता हुआ महसूस कर रही है.

साहित्य अकादेमी का भाषा सम्मान अर्पण समारोह सम्पन्न (ETV BHARAT)
साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव से खास बातचीतइससे पहले अपने स्वागत भाषण में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने कहा कि भारत का सारा ज्ञान मानव की भलाई के लिए है और वह समाज के हर वर्ग के लिए उपलब्ध है. हमारे ज्ञान का स्वरूप वैश्विक है.अतः किसी भी भाषा का लुप्त होना एक समाज की संस्कृति का लुप्त होना है. अकादमी इन भारतीय भाषाओं के संरक्षण के लिए लगातार प्रयासरत है.श्रीनिवासराव ने ईटीवी भारत को बताया कि पुरस्कृत रचनाकारों में कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य-2021- उत्तरी क्षेत्र के लिए पुरुषोत्तम अग्रवाल एवं दक्षिणी क्षेत्र के लिए बेतवोलु रामब्रह्मम, अवतार सिंह को कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य के क्षेत्र में वर्ष 2023 का एवं के.जि. पौलोस् को दक्षिणी क्षेत्र के लिए प्रदान किए गए.

पुरस्कार स्वरूप अलंकृत विद्वानों को 1,00,000 की दी गई राशि

दुर्गा चरण शुक्ल को बुंदेली भाषा तथा साहित्य की समृद्धि में दिए गए उत्कृष्ट योगदान हेतु भाषा सम्मान वर्ष 2023 के लिए तथा रेंथ्लेइ ललरोना एवं रौज़ामा चौङथू को मिज़ो भाषा तथा साहित्य की समृद्धि के लिए दिए गए. दुर्गा चरण शुक्ल अस्वस्थता के कारण पुरस्कार ग्रहण करने नहीं आ सके.पुरस्कार स्वरूप अलंकृत विद्वानों को 1,00,000/- की राशि, उत्कीर्ण ताम्रफलक और प्रशस्ति पत्र साहित्य अकादमी के अध्यक्ष माधव कौशिक द्वारा प्रदान किए गए. पुरस्कार ग्रहण करने के बाद सभी पुरस्कृत भाषा विशेषज्ञों ने अपने स्वीकृति वक्तव्य प्रस्तुत किए, जिनमें उनकी अभी तक की सृजनात्मक यात्रा के अनुभव शामिल थे.
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यह सम्मान अर्जित करना मेरे लिए गौरव की बात-पुरुषोत्तम अग्रवाल
अपने स्वीकृति वक्तव्य में पुरुषोत्तम अग्रवाल ने कहा कि यह सम्मान अर्जित करना मेरे लिए गौरव की बात है. आगे उन्होंने कहा कि मैंने अपने काम के जरिए आरंभिक आधुनिक कालीन भारत खासकर उत्तर भारत को समग्रता में समझने की कोशिश की है. यह मेरी स्पष्ट समझ है कि 15वीं 16वीं 17वीं सदी का भारत उद्धार के लिए यूरोपीय आधुनिकता के अवतार की प्रतीक्षा करता भारत नहीं, स्वयं अपनी परंपरा से पनप रही आधुनिकता की ओर बढ़ता भारत था. हम अतीत से बहुत कुछ सीख सकते हैं लेकिन तभी जबकि अतीत के अतीतपन का सम्मान करते रहें.

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