जयपुर : प्रदेश में सफाई कर्मचारी की भर्ती को लेकर मांगे जा रहे अनुभव प्रमाण पत्र बनवाने में कर्मचारियों को परेशानी आ रही है. ठेकेदारों के जरिए बीट्स पर काम कर चुके कर्मचारियों से ईएसआई-पीएफ के दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जबकि 2018 से पहले ठेकेदार ऐसा कोई रिकॉर्ड ही संधारित नहीं करते थे. वाल्मीकि समाज सफाई श्रमिक संघ का आरोप है कि ठेकेदार और सीएसआई के वेरिफिकेशन के बावजूद अधिकारी स्तर पर बीट्स पर काम कर चुके कर्मचारियों के अनुभव प्रमाण पत्र देने में आनाकानी की जा रही है, जिसकी वजह से अब तक महज 25000 आवेदन ही आए हैं और यदि अनुभव प्रमाण पत्र नहीं बनते हैं, तो समाज एक बार फिर आंदोलन की राह पर उतरेगा.
प्रदेश में 23 हजार 820 पदों पर निकाली गई सफाई कर्मचारी भर्ती के लिए बुधवार को आवेदन की आखिरी तारीख थी. हालांकि, आवेदन की तिथि को बढ़ाकर 20 नवंबर कर दिया गया है. स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने सफाई कर्मचारियों के ऑनलाइन आवेदन की तिथि को 6 नवंबर से बढ़ाकर 20 नवंबर करने की संशोधित विज्ञप्ति जारी कर दी है.
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इससे पहले संयुक्त वाल्मीकि एवं सफाई श्रमिक संघ के अध्यक्ष नंदकिशोर डंडोरिया ने बताया कि अभी तक करीब 25 हजार आवेदन ही आए हैं. ये आवेदन भी सरकार के मापदंड के अनुरूप प्राप्त नहीं हुए हैं. वाल्मीकि समाज से जो समझौता हुआ था, उसमें प्रशासन ने ठेकेदार और सीएसआई के वेरिफिकेशन को मान्य घोषित किया गया था, लेकिन उपायुक्त स्तर पर इस वेरिफिकेशन को नकारा जा रहा है और कर्मचारियों के अनुभव प्रमाण पत्र नहीं बन पा रहे हैं.
वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों में आक्रोश :डंडोरिया ने आरोप लगाया कि अधिकारी स्तर पर कर्मचारियों से ईएसआई और पीएफ से रिलेटेड दस्तावेज मांगे जा रहे हैं, जबकि 2018 से पहले सिर्फ बीट्स के आदेश निकलते थे, जिसके तहत राजधानी में 4000 और बाकी राज्य में 20,000 कर्मचारियों के बीट के ठेके होते थे. उस दौर में ईएसआई और पीएफ का कोई रिकॉर्ड ठेकेदार संधारित नहीं करते थे. इन दस्तावेजों की कमी के चलते अधिकारियों की ओर से अनुभव प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं किए जा रहे. इस कारण वाल्मीकि समाज के कर्मचारियों में आक्रोश व्याप्त हो रहा है.
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वहीं, पूर्व स्वास्थ्य निरीक्षक शिवचरण ने बताया कि पहले जब जयपुर नगर निगम एक हुआ करता था, उस वक्त सिर्फ बीट्स पर संख्या के आधार पर कर्मचारियों को रखने के आदेश थे. ऐसे में ठेकेदार के जरिए कर्मचारियों को लगाया जाता था और भुगतान ठेकेदार से कलेक्ट कर कर्मचारियों को बांट दिया जाता था. सालों तक ये व्यवस्था चलती रही और आज जब उन लोगों को अनुभव प्रमाण पत्र की आवश्यकता पड़ रही है तो निगम प्रशासन हाथ खड़े कर रहा है.
आवेदन की तारीख बढ़ी आगे : उधर, सफाई कर्मचारियों की भर्ती को लेकर प्रदेश के यूडीएच मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि वाल्मीकि समाज के संगठन के साथ जो समझौता हुआ था, उस समझौते में ही अनुभव प्रमाण पत्र की शर्त का उल्लेख था. इसमें कोई भी कठिनाई आ रही है और इसकी शिकायत आएगी तो उसका निराकरण करने का भी रास्ता निकाला जाएगा. उन्होंने कहा कि नगरीय निकायों ने जितने भी कर्मचारियों को विधिवत भुगतान किया है और यदि ठेकेदार और सीएसआई लेवल पर वेरिफिकेशन के बाद भी डीसी अनुभव प्रमाण पत्र पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं, ऐसी कोई भी शिकायत आएगी तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. हालांकि, आवेदन की तिथि को बढ़ाकर 20 नवंबर कर दिया गया है. स्वायत्त शासन विभाग के निदेशक कुमार पाल गौतम ने सफाई कर्मचारियों के ऑनलाइन आवेदन की तिथि को 6 नवंबर से बढ़ाकर 20 नवंबर करने की संशोधित विज्ञप्ति जारी कर दी है.