पटना :'ना RDO अधिकारी है, ना हुई उसकी किडनैपिंग, फिर भी पुलिस को खूब घुमाया'. जी हां, बिहार में कब क्या हो जाए यह कह पाना मुश्किल है. अब चलती ट्रेन से ग्रामीण विकास पदाधिकारी (RDO) के अपहरण का मामला सामने आया. इसके बाद रेल पुलिस एक्शन में आई तो पूरा मामला उजागर हो गया.
दीपक निकला झूठा : इधर, पुलिस पूछताछ में दीपक कुमार जबरदस्त फ्रॉड निकला. वह खुद को अच्छा बनाए रखने के लिए पूरे गांव समाज में अपने आप को बीपीएससी पास कर ग्रामीण विकास पदाधिकारी बन गया. गांव समाज एवं रिश्तेदारों को झूठ बोलकर ट्रेनिंग के लिए निकला, लेकिन उसकी कहीं भी नौकरी नहीं हुई थी.
''अपनी छवि को अच्छा बनाने के लिए झूठ बोलकर दीपक घर से ट्रेनिंग के लिए निकला था और अपने अपहरण की साजिश रस दी. वह बख्तियारपुर स्टेशन के बाहर 3 दिन के लिए कमरा बुक कर लिया. रेल पुलिस के द्वारा 3 घंटे में ही इसका उद्भेदन कर लिया गया और दीपक कुमार को होटल से बरामद कर लिया गया. आगे की कार्रवाई की जा रही है.''- अमृतेंदू शेखर ठाकुर, रेल एसपी
फर्जी RDO के अपहरण की झूठी कहानी :राजधानी पटना के खुसरुपुर जीआरपी थाना में शिकायत दर्ज करायी गई. फर्जी आरडीओ दीपक कुमार के अपहरण को लेकर परिवारवालों ने यह मामला दर्ज कराया. रेल पुलिस तुरंत मामले की जांच में जुट गई. दीपक कुमार के मोबाइल लोकेशन को ट्रेस कर पुलिस ने उसे बख्तियारपुर के एक होटल से बरामद कर लिया.
बेगूसराय का रहने वाला है दीपक :परिजनों ने जो शिकायत दर्ज करायी थी उसमें कहा गया था कि, चलती ट्रेन में दो युवकों ने पिस्टल के बल पर दीपक का अपहरण किया है. दीपक कुमार मुख्य रूप से बेगूसराय के तेघरा थाना क्षेत्र के अंबा गांव का रहने वाला है. कोसी ट्रेन से ट्रेनिंग के लिए बेगूसराय के बरौनी जंक्शन से गया जा रहा था. इसी बीच खुसरूपुर के आसपास उनका अपहरण हो गया.