पटना:बिहार में प्रीपेड स्मार्ट मीटर एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता जा रहा है. आज से इसको लेकर राष्ट्रीय जनता दल का राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने जा रहा है. इस बारे में जानकारी देते हुए प्रदेश प्रवक्ता एजाज अहमद ने कहा कि राज्य में जबरन स्मार्ट मीटर लगाए जाने और स्मार्ट मीटर के नाम पर गरीबों और आम जनों से हो रही लूट के खिलाफ आज पटना सहित राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर धरना दिया जाएगा. जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता, पदाधिकारी, जिला अध्यक्ष, प्रखंड अध्यक्ष, पार्टी के नेता और कार्यकर्ताओं के साथ-साथ आम जनों की भागीदारी भी होगी.
"पुराने मीटर की तुलना में स्मार्ट मीटर से बढ़ा हुआ बिल उपभोक्ताओं के पास आ रहा है. बिजली बिल देने में असमर्थ गरीब और वंचित परिवार के घरों की बिजली काटी जा रही है. अब तो इस तरह के हालात बन गए हैं कि पूरे गांव की ही बिजली काटी जा रही है. इसलिए आज से आरजेडी राज्यव्यापी धरना-प्रदर्शन शुरू कर रहा है."-एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी
जबरदस्ती लगाया जा रहा है स्मार्ट मीटर: आरजेडी का आरोप है कि बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए सीएमडी के द्वारा सभी जिलाधिकारी को बल प्रयोग करके स्मार्ट मीटर लगाने के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है, जो कहीं से उचित नहीं है. इस मामले पर राज्य सरकार या विद्युत विभाग के पदाधिकारी यह स्पष्ट नहीं कर पा रहे हैं कि आखिर क्या कारण है कि बिजली कंपनियों को फायदा पहुंचाने के लिए जबरन मीटर लगाने की बातें क्यों की जा रही है.
'गरीबों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार':आरजेडी प्रवक्ता ने कहा कि राज्य सरकार कहीं ना कहीं इन कंपनियों के प्रभाव में आकर उपभोक्ताओं और गरीबों के साथ अन्यायपूर्ण व्यवहार को देख रही है. राज्य सरकार को जनता और जनता के हितों से कोई मतलब नहीं है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली डबल इंजन की सरकार कंपनियों के हितों की रक्षा के लिए कार्य कर रही है, उसे जनता की समस्या से कोई मतलब नहीं है.
'स्मार्ट मीटर के नाम पर भ्रष्टाचार':आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह प्रेस कॉन्फ्रेंस करके बिहार सरकार पर आरोप लगा चुके हैं कि बिहार में लगभग 2.76 करोड़ हाउस होल्ड है. स्मार्ट मीटर के खराबी के कारण अगर इन सभी उपभोक्ताओं से 100 रुपये भी वसूला जाता है, तब यह संख्या लगभग 276 करोड़ प्रत्येक महीने कम्पनी के पास अलग से मुनाफा होगा.
"सिर्फ बिहार ही नहीं अपितु अन्य राज्यों में भी स्मार्ट मीटर लाया गया है, क्योंकि उपभोक्ताओं को सहूलियत होगी लेकिन यह तो आफत बन गई है और शिकायतों का अंबार लगा हुआ है. जब हम स्मार्ट मीटर को पूरे भारत में एक करोड़ 16 लाख के करीब लगाये गये हैं, वहीं सबसे गरीब प्रदेश बिहार में सर्वाधिक 50 लाख लाख स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं."- जगदानंद सिंह, प्रदेश अध्यक्ष, आरजेडी