रीवा: शासकीय इंजीनियरिंग महाविद्यालय अपनी 60 वीं वर्षगांठ मना रहा है. जिसके लिए महाविद्यालय में 3 दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन किया गया है. महाविद्यालय में आयोजित समारोहों में शनिवार को समारोह के दूसरे दिन मध्य प्रदेश के महामहिम राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने भी शिरकत की, जिसमें महाविद्यालय के हीरक जयंती समारोह का फीता काटकर उद्घाटन किया. इस दौरान रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने कुछ ऐसी बातें कह दी, जिसे सुनकर राज्यपाल मंगू भाई पटेल सहित समारोह में उपस्थित सभी लोग दंग रह गए.
बढ़ती टेक्नोलॉजी पर जताई चिंता
दरअसल, इंजीनियरिंग कॉलेज में आयोजित समारोह में तकनीकी से जुड़े तमाम लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई. इस दौरान जब सांसद जनार्दन मिश्रा कार्यक्रम को संबोधित करने के लिए मंच पर पहुंचे, तो उन्होंने अपने भाषण में भविष्य के 60 वर्षों का चिंतन करते हुए कहा कि, "तकनीक के बढ़ने से अब सभी काम ऑनलाइन होने लगे हैं जिसे देखकर लगता है कि, अभी तो हम इस महाविद्यालय की 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं, परंतु भविष्य में आने वाले 60 सालों में कहीं ऐसा न हो कि विद्यार्थियों और शिक्षार्थियों की जगह मशीनों के द्वारा इस तरह का कार्यक्रम किया जाए."
रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा का मोहब्बत पर मोबाइल ज्ञान (ETV Bharat) सांसद ने मंच से दिया ये बयान
मंच से बयान देते हुए रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा ने कहा कि "आज हम इंजीनियरिंग कॉलेज का 60वीं वर्षगांठ मना रहे हैं. लेकिन क्या 60 वर्ष बाद यहां पर आने वाला विद्यार्थी छात्र के रूप में उपस्थित रहेगा, प्राचार्य, प्रोफेसर, प्रिंसिपल ये सब मनुष्य रहेंगे की मशीन रहेगी? यह सवाल यहां मंच पर बैठ मेरे दिमाग में घूम रहा था."
तकनीक आज मनुष्य के जीवन को किस तरह प्रभावित कर रही है, इस पर छात्रों को विचार करने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि "मैंने कभी किसी पति-पत्नी के बिस्तर में झांकने का काम नहीं किया है. लेकिन लोग कहते हैं कि, जब पति और पत्नी बिस्तर पर लेटते हैं, तो एक मुंह दक्षिण की तरफ तो दूसरे का मुंह उत्तर दिशा की तरफ होता है और मोबाइल से मोहब्बत करके उसी में आहें भरते हैं. यह आपका ही बनाया हुआ यंत्र है, जिसमें पति और पत्नी को एक दूसरे के सामने मुंह करके लेटने के बजाय विपरीत दिशा पर मुंह करके लेटते हैं."
60 साल बाद ऑनलाइन पैदा होने वाला बच्चा कैसा होगा?
सांसद यहीं पर नहीं रुके उन्होंने कहा कि "मैं तो सोच ही रहा था कि अब हम ऑनलाइन शादियां करने लगे हैं. अब 50-60 साल के बाद यह बच्चे जब पैदा होंगे, तो ये ऑनलाइन पैदा होने वाला बच्चा स्टील का पैदा होगा या मांस और हड्डी का होगा. इसी पर आज विचार करने की आवश्यकता है. हमारी मानवता, हमारा प्रेम, हमारा सौहार्द, हमारी सामाजिक एकजुटता और हमारा सामाजिक जीवन इसी तरह से अलौकिक और सुगंधित होता रहे. आज के समय में विज्ञान के सामने सबसे बड़ी चुनौती है."
इंजीनियरिंग छात्रों के लिए बताया चुनौती
सांसद जनार्दन मिश्रा ने इंजीनियरिंग कॉलेज के छात्र से कहा कि " आपके सामने यह चुनौती है कि, सामाजिक समस्या का समाधान आप किस प्रकार से निकलते हैं. मंच पर राज्यपाल विराजमान हैं, मिसाइल बनाने वाले बैठे है. इन प्रतिभाओं के सामने मैं आपके सामने यक्ष प्रश्न छोड़कर जा रहा हूं कि, सामाजिक मूल्यों की रक्षा आप किस प्रकार से इन यंत्रों के माध्यम से कर सकेंगे."