जयपुर : सवाई मानसिंह मेडिकल कॉलेज से अटैच अस्पतालों में रेजिडेंट चिकित्सकों की हड़ताल लगातार जारी है. अपनी मांगों को लेकर 8 अक्टूबर से रेजिडेंट चिकित्सकों ने इमरजेंसी सेवाओं को छोड़कर सभी सेवाओं का कार्य बहिष्कार कर दिया था. 17 अक्टूबर को रेजिडेंट चिकित्सकों की चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर के साथ वार्ता भी हुई थी. इसके बाद मंत्री ने रेजिडेंट चिकित्सकों की मांगों को लेकर 48 घंटे का समय दिया था, जो आज रात को पूरा हो रहा है.
जयपुर संगठन का रेजिडेंट डॉक्टर्स (जार्ड)के अध्यक्ष डॉ मनोहर सियोल का कहना है कि हमारी मांगों को लेकर सरकार के साथ वार्ता हुई थी, जिसमें चिकित्सा मंत्री के साथ-साथ विभाग के बड़े अधिकारी भी मौजूद थे. सरकार ने हमें आश्वासन दिया था कि हमारी मांगों को लेकर अगले 48 घंटे के अंदर ठोस कदम उठाए जाएंगे. डॉ सियोल का कहना है कि आज रात 8 बजे तक सरकार की ओर से दिया गया समय पूरा हो रहा है और यदि सरकार कोई ठोस कदम नहीं उठाती तो रात 8 बजे से रेजिडेंट चिकित्सक अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे. इसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.
जार्ड के अध्यक्ष डॉ मनोहर सियोल (ETV Bharat Jaipur) इसे भी पढ़ें-मरीजों के लिए राहत, रेजिडेंट इमरजेंसी और ICU में देंगे सेवाएं, OPD का बहिष्कार रहेगा जारी - Jaipur SMS Hospital
वार्ता में दिया था आश्वासन :हड़ताल समाप्त करने के लिए 17 अक्टूबर को रेजिडेंट्स डॉक्टर्स का एक प्रतिनिधिमंडल मंत्री से वार्ता के लिए गया था. वार्ता में विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी शामिल थे, लेकिन बातचीत के बाद भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया. मामले को लेकर चिकित्सा मंत्री ने कहा था कि हमारी वार्ता चिकित्सकों के साथ हुई है और हमने उन्हें आश्वासन दिया है कि उनकी मांगों को पूरा किया जाएगा.
ये प्रमुख मांगें
- पूर्व में हुए समझौते के अनुसार सभी मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता कराई जाए.
- समय पर स्टायपेंड में वृद्धि और इंक्रीमेंट.
- बॉन्ड पालिसी में चेंज किया जाए.
- सभी रेजीडेंट चिकित्सकों को एचआरए मिलना चाहिए जो हॉस्टल में नहीं रहता.
- विशेष मेडिकल ऑफिसर पदों की भर्ती निकली जाए.
- जिन डिपार्टमेंट में पीजी होती है उन सभी डिपार्टमेंट में जेएस/एसएस पदों का सृजन हो.
- अकादमिक और गैर-अकादमिक एसआर की तनख्वाह में विसंगति दूर हो. (वर्तमान में अकादमिक एसआर की तनख्वाह गैर-अकादमिक एसआर से कम है)
- राजस्थान सरकार के इन-सर्विस डॉक्टरों के लिए सुपर-स्पेशलाइजेशन के बाद, उनकी वेतन वृद्धि और पदोन्नति उसी तरह से हो, जैसे पीजी पासआउट डॉक्टरों की होती है.