रतलाम (दिव्यराज राठौर): केंद्र सरकार की वन नेशन वन आईडी योजना के अंतर्गत पहली से 12 वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्रों के एकेडमिक रिकॉर्ड के लिए एक डिजिटल पहचान पत्र शिक्षा विभाग द्वारा तैयार किया जा रहा है. जिसे अपार आईडी कहा जाता है. आधार कार्ड की तरह ही यह एक यूनिक आईडी नम्बर होगा. जिसमें छात्रों का शैक्षणिक रिकॉर्ड डिजिटल रूप से सुरक्षित दर्ज रहेगा.
हर शासकीय और गैर शासकीय स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों की 12 अंकों की यूनिक अपार आईडी होगी. जिसे पोर्टल पर डालते ही छात्र के पूरे शैक्षिक रिकॉर्ड की जानकारी एक क्लिक पर मिल जाएगी. यह छात्रों के लिए डिजिलॉकर की तरह काम करता है, जिसमें उनकी अंकसूची और सभी शैक्षणिक प्रमाण पत्र सेव रहते हैं.
ऐसे बनेगी आपके बच्चे की अपार आईडी (ETV Bharat) दस्तावेजों के फर्जीवाड़े की संभावना कम
दरअसल, वर्तमान व्यवस्था में शैक्षणिक दस्तावेजों में हेर फेर करना और फर्जीवाड़ा करना आसान है. कई बार लोग फर्जी अंकसूची और दस्तावेज तैयार कर उच्च शैक्षणिक संस्थानों में एडमिशन और नौकरी भी पा लेते हैं, लेकिन अब हर छात्र की अपार आईडी बनने से महज एक क्लिक पर छात्र के पूरे एकेडमिक रिकॉर्ड की जानकारी कंप्यूटर स्क्रीन पर होगी. जिससे शैक्षणिक व्यवस्था में पारदर्शिता के साथ ही फर्जीवाड़े की संभावना नहीं होगी.
अपार आईडी के क्या है फायदे (ETV Bharat) शैक्षिक रिकार्ड रहेंगे सुरक्षित और सेव
अपार आईडी यानी ऑटोमेटेड परमानेंट एकेडमिक अकाउंट रजिस्ट्री का एक सेंट्रलाइज पोर्टल है. जिस पर पूरे देश के नर्सरी से 12 वीं तक के बच्चों का शैक्षिक रिकार्ड डिजिलॉकर की तरह सुरक्षित और सेव रहेगा. रतलाम जिला शिक्षा अधिकारी अनीता सागरने बताया कि "जिले में अब तक 56% छात्र-छात्राओं की अपार आईडी बन चुकी है और शेष बचे छात्रों की अपार आईडी भी जल्दी ही बना ली जाएगी. वहीं, उन्होंने अभिभावकों से बच्चों के स्कूल में संपर्क कर अपार आईडी बनवा लेने का अनुरोध किया है."
ऐसे बनेगी आपके बच्चे की अपार आईडी
केंद्र सरकार की वन नेशन वन आईडी योजना के अंतर्गत सभी शासकीय गैर शासकीय स्कूलों को उनके यहां शिक्षा ले रहे छात्रों की अपार आईडी समय सीमा में बनाने के निर्देश दिए गए हैं. यदि छात्र को स्कूल से इस संबंध में अब तक कोई नोटिफिकेशन प्राप्त नहीं हुआ है, तो स्कूल एडमिनिस्ट्रेशन से संपर्क कर अभिभावक बच्चों की अपार आईडी बनावा सकते हैं. इसमें अभिभावकों को छात्र के आधार कार्ड और स्वयं के आधार कार्ड की प्रति के साथ एक सहमति पत्र भी हस्ताक्षर करके स्कूल को देना होता है. इसके बाद स्कूल स्तर पर छात्र की अपार आईडी बना दी जाती है. जिसकी जानकारी अभिभावक के रजिस्टर्ड नंबर पर प्राप्त होती है.