Ration Card Apply Process: राशन कार्ड एक महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेज है. यह गरीब और जरूरतमंद परिवारों को सब्सिडी वाला अनाज और अन्य आवश्यक वस्तुओं को सस्ते दाम पर खरीदने में मदद करता है. इसके अलावा राशन कार्ड का पहचान पत्र के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. इसका इस्तेमाल कई तरह के सरकारी कामों में भी होता है. यह कई तरह की सुविधाओं का लाभ उठाने में भी मदद करता है. यह भारत की सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. कुल मिलाकर राशन कार्ड बड़े काम का डॉक्यूमेंट है, खासकर गरीब परिवारों के लिए. इस आर्टिकल में हम राशन कार्ड के इतिहास से लेकर इसके उपयोग, इसको बनाने की प्रक्रिया और इसके लिए लगने वाले जरूरी दस्तावेजों के बारे में विस्तार से जानेंगे.
राशन कार्ड की शुरुआत कब हुई थी
गरीबों के लिए सबसे महत्वपूर्ण दस्तावेज के रूप में माने जाने वाले राशन कार्ड की शुरुआत साल 1940 में हुई थी. दरअसल, साल 1940 में बंगाल में अकाल पड़ा था. लोगों के पास खाने के लिए राशन नहीं था तब वहां पर पहली बार राशन कार्ड की शुरुआत की गई. इसके बाद द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान 14 जनवरी 1945 को अंग्रेजों ने इसे योजना का रूप दे दिया. जून 1947 में राशन कार्ड को वर्तमान स्वरूप दिया गया. हालांकि इसके बाद इसकी उपयोगिता पर ध्यान नहीं दिया गया, लेकिन 1960 में जब देश खाद्यान्न की कमी से जूझ रहा था तब सरकार ने राशन प्रणाली की दोबारा शुरुआत की, जो कई संशोधनों के बाद आज तक अनवरत चली आ रही है.
राशन कार्ड कितने प्रकार का होता है
समाज के विभिन्न वर्गों की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर राशन कार्ड को मुख्यत: 3 श्रेणियों में विभाजित किया गया है. हालांकि, राशन कार्ड 6 प्रकार का होता है लेकिन इसमें 3 को ही महत्वपूर्ण माना जाता है. जो इस प्रकार है-
बीपीएल कार्ड (Below Poverty Line Ration Card) ऐसा परिवार जो गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करता है, उनको यह कार्ड जारी किया जाता है. बीपीएल कार्ड धारकों को सरकार कम दाम में राशन यानी दाल, चावल, गेहूं, आटा, नमक, चीनी जैसी खाद्य वस्तुएं देती है. इस कार्ड के जरिये हर महीने 25 से 35 किलो राशन बेहद सस्ते दरों पर उपलब्ध कराया जाता है.
एपीएल कार्ड (Above Poverty Line Ration Card)यह कार्ड उन परिवारों को जारी किया जाता है जो, गरीबी रेखा के ऊपर जीवन यापन कर रहे हैं. इस कार्ड को रखने वाले परिवारों को 10 से 20 किलो राशन मिलता है. यह राशन बीपीएल कार्ड धारकों के मुकाबले थोड़ा महंगा होता है.
एवायवाय कार्ड (Antyodaya Ration Card)इसको अंत्योदय राशन कार्ड भी कहा जाता है. यह अत्यंत गरीब परिवारों के लिए होता है. यानी जिनके पास आय का कोई साधन न हो या ऐसे परिवार जिनके मुखिया की निश्चित आय नहीं हो. साथ ही ऐसे परिवार जिनमें मुखिया विकलांग हो, विधवा हो या सीनियर सिटीजन हो. इसमें एक परिवार को 35 किलो तक अनाज दिया जाता है, जिसका दाम बहुत कम होता है.
इसके अलावा 3 राशन कार्ड और जारी किए जाते हैं
सफेद राशन कार्ड- यह राशन कार्ड कोई भी भारतीय नागरिक प्राप्त कर सकता है. इससे राशन नहीं मिलता. इसका मुख्य उद्देश्य पहचान पत्र के रूप में इस्तेमाल करना होता है. कई सरकारी कार्यों में भी इसको इस्तेमाल में लाया जाता है.
टेम्पररी राशन कार्ड- यह कार्ड मुख्य रूप से बंजारा समाज को जारी किया जाता है. इसकी वैधता मात्र 3 महीने के लिए होती है.