जयपुर: जिला कलेक्टर डॉ जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देश पर शुरू हुआ रास्ता खोलो अभियान ग्रामीणों के लिए राहत का दूसरा नाम बना हुआ है. अभियान के तहत जिला प्रशासन ने समझाइश एवं सहमति से महज 38 दिनों में गांवों, खेतों और ढाणियों के बरसों से बंद पड़े 249 रास्ते खुलवा दिए हैं. इस अभियान में ग्रामीणों को राहत देने का सिलसिला लगातार जारी है.
अतिरिक्त जिला कलेक्टर एवं अभियान की नोडल अधिकारी सुमन पंवार ने बताया कि अभियान के तहत पिछले एक सप्ताह में जयपुर एवं जयपुर ग्रामीण जिले के समस्त तहसीलों में बरसों से बंद 38 रास्ते खुलवाए गए. उन्होंने बताया कि अब तक चौमूं तहसील में सर्वाधिक 21 रास्ते खुलवाए गए. वहीं, जोबनेर तहसील में 20 रास्ते खुलवाए गए. आमेर, आंधी, शाहपुरा, किशनगढ़-रेनवाल, फुलेरा तहसील में 18-18 रास्ते तो वहीं, माधोराजपुरा तहसील में 17 रास्ते खुलवाए गए.
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पंवार ने बताया कि सांगानेर तहसील में अब तक 14 रास्ते, चाकसू तहसील में 13 रास्ते, जमवारामगढ़, बस्सी, रामपुरा-डाबड़ी एवं कोटखावदा तहसील में 11-11 रास्ते, जालसू तहसील में 10 रास्ते, कालवाड़ एवं तुंगा तहसील में 8-8 रास्ते तो वहीं, जयपुर तहसील में 4 रास्ते खुलवाए गए हैं. सुमन पंवार ने बताया कि जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी के निर्देश पर बंद रास्ते खुलवाए जाने के पश्चात खोले गए रास्तों पर ग्रेवेल, सीसी रोड बनवाये जाने की कार्रवाई भी की जा रही है. जिन रास्तों के वाद न्यायालय में विचाराधीन हैं, उन परिवादियों को संबंधित न्यायालय से ही राहत मिलेगी.
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उन्होंने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में रास्तों की भूमि पर अतिक्रमण को लेकर जनसुनवाई के दौरान बड़ी संख्या में परिवाद प्राप्त होते हैं. रास्तों को लेकर न्यायालय में भी वाद दायर किए जाते रहते हैं. ऐसे प्रकरणों में निरन्तर बढ़ोतरी होने से आमजन को न्यायालय के चक्कर लगाने एवं जन-धन की हानि होती है. साथ ही कानून व्यवस्था भी प्रभावित होती है. इसलिए प्रशासन ने रास्ते सम्बन्धी समस्याओं के निराकरण के लिए 'रास्ता खोलो अभियान' चलाने का निर्णय लिया.