अजमेर: अजमेर की पॉक्सो एक्ट कोर्ट संख्या 1 ने नाबालिग लड़की से दुष्कर्म के मामले में आरोपी को 20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने आरोपी को 1 लाख रुपए के आर्थिक दंड से दंडित किया है.
विशिष्ट लोक अभियोजक रूपेंद्र परिहार ने बताया कि 28 सितंबर, 2023 को नाबालिग के पिता ने ब्यावर शहर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया था. रिपोर्ट में बताया गया कि पीड़िता को सोहेल नाम का युवक सोशल मीडिया एप पर दोस्ती करने और चैटिंग का दबाव बनाता था. 26 जुलाई, 2023 को सोहेल अपने शहर से ब्यावर आ गया और मिलने के लिए दबाव बनाने लगा. सोहेल ने उसे फोन कर अगले दिन मिलने के लिए बुलाया. आरोप था कि आरोपी नाबालिग को बहला फुसलाकर देलवाड़ा रोड स्थित होटल में ले गया और जबरन दुष्कर्म किया. रिपोर्ट पर पुलिस ने आरोपी को उसी दिन ब्यावर रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस ने सवाई माधोपुर जिले के बजरिया थाना क्षेत्र निवासी सोहेल पुत्र जाकिर हुसैन के खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया.
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18 गवाह और 38 दस्तावेज किए पेश: परिहार ने बताया कि मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 18 गवाह और 38 दस्तावेज प्रदर्शित किए गए थे. घटना के समय पीड़िता की आयु 16 वर्ष से कम थी. पीड़िता के मुताबिक आरोपी ने 26 जुलाई, 2023 की शाम को बदनामी का डर दिखाकर मिलने के लिए दबाव बनाया. डर के कारण पीड़िता अगले दिन स्कूल के लिए घर से निकली. तब रास्ते में सोहेल मिला और उसे होटल ले गया और दुष्कर्म किया. पुलिस ने अनुसंधान के दौरान होटल से पीड़िता और आरोपी के आने-जाने का सीसीटीवी फुटेज भी प्राप्त कर उसे पत्रावली में शामिल किया. अनुसंधान अधिकारी के विरुद्ध की गई जांच में सामने आया कि अनुसंधान अधिकारी ने प्रकरण में अभियुक्त को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से लापरवाही की. कोर्ट ने डीजीपी को पत्र जारी कर अनुसंधान अधिकारी के विरुद्ध लापरवाही पूर्ण अनुसंधान करने पर उसके विरुद्ध कार्रवाई करने और कोर्ट को सूचित करने के लिए आदेशित किया है.
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परिहार ने बताया कि प्रकरण में आरोपी सोहेल को 20 वर्ष (शेष प्राकृतिक जीवन जीने तक) के कारावास और आर्थिक दंड की सजा सुनाई है. कोर्ट ने पीड़िता को पीड़ित प्रतिकर स्कीम के तहत 6 लाख रुपए दिलाने की भी अनुशंसा की है. इस प्रकरण में कोर्ट ने आदेश में लिखा कि 22 वर्षीय अभियुक्त ने नाबालिग बालिका को उसके माता-पिता की अनुमति के बिना फोन किया और होटल ले जाकर जबरन दुष्कर्म कर घृणित अपराध कारित किया है. इसलिए अभियुक्त के साथ किसी भी प्रकार की नरमी का रुख नहीं अपनाया जा सकता है.