गिरिडीहः गांडेय विधानसभा क्षेत्र के लोकप्रिय नेता राजेश यादव ऊर्फ राजेश कुमार ने झारखंड लोकतान्त्रिक क्रन्तिकारी मोर्चा को अलविदा कह दिया है. कुछ दिन पहले ही जयराम के साथ जुड़े राजेश ने पार्टी से त्यागपत्र दिया है. त्यागपत्र के साथ ही राजेश ने कई गंभीर आरोप भी लगाए हैं. राजेश ने जयराम को व्यक्तिवादी कार्यशैली का बताया है. कहा है कि इस कार्यशैली से झारखंड के नवनिर्माण की लड़ाई की कोई प्रतिबद्धता दूर - दूर तक दिखायी नहीं देती. राजेश ने जयराम और उनके संगठन के काम करने के सिस्टम का आकलन करने में खुद की चूक बताई है.
पूछे कई सवाल
त्यागपत्र में राजेश यादव ने जयराम से कई सवाल पूछे हैं. पूछा है कि उम्मीदवार चयन का मापदंड निर्धारित किया गया था, उसका पालन नहीं किया गया. कहा गया था कि उम्मीदवार वही हो सकता है जिसने उम्मीदवारी का फॉर्म भरा हो. फार्म भरने के इतर किसी को उम्मीदवार बनाने पर फार्म भरने वालों से एनओसी लेना अनिवार्य था लेकिन ऐसा नहीं किया गया. सोशल मीडिया पर सर्वे में अव्वल रहने वालों को भी प्रत्याशी बनाने से परहेज किया गया. फॉर्म भरने के नाम लाखों की उगाही की गई.
क्यों नाराज हुए राजेश
यहां बता दें कि राजेश यादव इससे पहले भाकपा माले में थे. माले की टिकट पर वे सबसे पहले 2005 में चुनावी मैदान में उतरे. 2005 के चुनाव में उन्हें 6070 मत मिला. इसके बाद 2009 के चुनाव में एक बार फिर भाकपा माले ने उन्हें उमीदवार बनाया. इस चुनाव में उन्हें 18497 मत मिला. 2014 में फिर भाकपा माले ने उन्हें टिकट दिया तो उन्हें 11202 मत मिला. 2019 में फिर से भाकपा माले ने उन्हें उम्मीदवार बनाया. इस चुनाव में राजेश को 7408 मत मिला.