सीकर: जिले के लाखनी में GREF जवान सुल्तान सिंह बाजिया की सोमवार शाम को अंत्येष्टि की गई. ASI महेश यादव के नेतृत्व में पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया. जवान के पिता हरफूल सिंह और पुत्र साहिल को वर्दी और तिरंगा सौंपा गया. इस दौरान 12 वर्षीय पुत्र साहिल ने नम आंखों से मृतक जवान को मुखाग्नि दी. सुल्तान सिंह बाजिया का हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन से निधन हो गया था.
सुल्तान सिंह सीमा सड़क संगठन की जनरल रिजर्व इंजीनियर फोर्स में तैनात थे. उनके अंतिम संस्कार के मौके पर क्षेत्र के जनप्रतिनिधियों सहित सैंकड़ों की संख्या में ग्रामीण मौजूद थे. वहीं, जवान सुल्तान सिंह बाजिया के पिता हरफूल सिंह के मुताबिक अधिकारियों से फोन पर बातचीत में सीमा सड़क संगठन के अधिकारियों ने उन्हें 60 लाख रुपए के परिलाभ के साथ उनके पुत्र का स्मारक बनाए जाने पर सहमति दी है. जिसके बाद धरना समाप्त किया गया. हालांकि, सुल्तान सिंह को शहीद का दर्जा नहीं मिला है.
परिजनों ने जताया था विरोध : हिमाचल प्रदेश में बीते दिनों हिमस्खलन से जवान के निधन के मामले में सोमवार दिनभर गहमागहमी का माहौल देखने को मिला. परिजनों ने मृतक जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग को लेकर पार्थिव देह लेने से इनकार कर दिया. इस दौरान जनप्रतिनिधियों के साथ रींगस थाने पर धरना दिया गया. गौरतलब है कि हिमाचल प्रदेश में हिमस्खलन से लाखनी निवासी सुल्तान सिंह बाजिया का निधन हुआ था.
सुल्तान सिंह बाजिया मामले में सीमा सड़क संगठन ने मृतक के परिजनों की कुछ मांगें मानी, जिसके बाद पिछले 7 घंटों से रींगस पुलिस थाने पर चल रहा धरना समाप्त हो गया. जवान के परिवार को करीब 60 लाख के परिलाभ के साथ ही उनका स्मारक बनाया जाएगा. इसके बाद तिरंगा रैली के साथ जवान की पार्थिव देह उनके गांव में सैन्य सम्मान से अंत्येष्टि की गई.