कोटा. राजस्थान के कोटा-बूंदी सांसद ओम बिरला 18वीं लोकसभा के भी अध्यक्ष चुने गए हैं. वे पहली बार 19 जून 2019 को लोकसभा स्पीकर बने थे और इस पद पर रहते हुए लोकसभा में रिकॉर्ड भी उन्होंने बनाए हैं. वहीं, बीते 25 सालों में संसद में सबसे ज्यादा काम उनके कार्यकाल के दौरान 2019 से 2024 के बीच हुआ है. इस 17वीं लोकसभा में उत्पादकता 97 फीसदी रही. यहां तक कि कोविड-19 के दौरान भी सदन की उत्पादकता 167 प्रतिशत रही. यह लोकसभा के इतिहास में सबसे अधिक है.
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स्पीकर बिरला के पहले कार्यकाल में यह महत्वपूर्ण विधेयक हुए पास :
- जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन विधेयक, 2019 (धारा 370).
- नागरिकता संशोधन विधेयक 2019 (सीएए).
- मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 (ट्रिपल तलाक).
- चुनाव कानून (संशोधन) विधेयक, 2021.
- भारतीय न्याय संहिता 2023.
- भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023.
- भारतीय साक्ष्य विधेयक 2023.
- डिजिटल वैयक्तिक डाटा संरक्षण विधेयक, 2023.
- नारी शक्ति वंदन विधेयक 2023 महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण.
बिरला की लोकसभा अध्यक्ष के रूप में उपलब्धियां :
- 19 जून 2019 को सर्वसम्मति से 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष निर्वाचित हुए.
- संसद के नए भवन का निर्माण हुआ.
- 17वीं लोकसभा की उत्पादकता 97 फीसदी रही. यह पिछले 25 वर्षों में सर्वाधिक है.
- कोरोना महामारी के बीच आयोजित 17वीं लोकसभा के चौथे सत्र की उत्पादकता 167 फीसदी रही. यह लोकसभा के इतिहास में सर्वाधिक है.
- संसद के संचालन में वित्तीय अनुशासन को प्रोत्साहित कर 801 करोड़ की बचत की गई.
- 17वीं लोकसभा के दौरान 222 विधेयक कानून बने, जो पिछली तीन लोकसभा में सर्वाधिक है.
- 17वीं लोकसभा के दौरान विधेयकों पर कुल 440.54 घंटे चर्चा हुई, जो पिछली चार लोकसभा में सर्वाधिक है.
- 17वीं लोकसभा के दौरान विभिन्न विधेयकों पर कुल 2910 सदस्यों ने चर्चा की, जो पिछली चार लोकसभा में सर्वाधिक है.
- ज्ञान के समृद्ध कोष संसद की लाइब्रेरी को दिनांक 17 अगस्त 2022 से आमजन के लिए खोल दिया गया.
शून्य काल में सर्वाधिक सदस्यों को दिया विषय उठाने का अवसर :
- पहले ही सत्र में 46 महिला सांसदों सहित सभी प्रथम निर्वाचित सदस्यों को अभिव्यक्ति का अवसर दिया.
- पहले सत्र में शून्यकाल के दौरान सदस्यों को 1066 विषय उठाने का अवसर दिया गया. यह लोकसभा के इतिहास में किसी एक सत्र का रिकॉर्ड है.
- पहले सत्र के दौरान 18 जुलाई 2019 को शून्य काल के दौरान सदस्यों को 161 विषय उठाने का अवसर दिया गया. यह लोकसभा के इतिहास में किसी एक दिन का रिकॉर्ड है.
- शून्य काल में उठाए गए विषयों पर भी माननीय सांसदों को उत्तर दिलवाने की व्यवस्था प्रारंभ की गई.
- सांसदों को नियम 377 के तहत उठाए गए विषयों के उत्तर मंत्रालयों के जरिए निर्धारित 30 दिन में देने पर कड़ाई से अमल करवाया गया. इस कारण 17वीं लोकसभा के दौरान लगभग 95 प्रतिशत विषयों पर सांसदों को प्रतिउत्तर प्राप्त हुए.
- सांसदों को सदन में बोलने की वीडियो तुरंत उपलब्ध करवाने की व्यवस्था शुरू की.
- ओम बिरला के प्रयासों से 17वीं लोकसभा के दौरान ऐसा चार बार हुआ कि एक प्रश्नकाल में सभी 20 तारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए.
- सांसदों के लिए सदन में आने वाले विधेयकों के संबंध में ब्रीफिंग सेशन की नई व्यवस्था शुरू की गई.
- जनरल परपज कमेटी की बैठक 19 साल बाद आयोजित की गई.
- देर रात तक सदन का संचालन हुआ, जिसमें सभी सदस्यों ने सहयोग किया.
- लोकतंत्र सशक्तिकरण की पहल के तहत संसद को देश की लोकतंत्र की सबसे छोटी इकाई पंचायत के पास लेकर गए, जिसके लिए आउटरीच कार्यक्रमों का आयोजन किया गया. जिसमें उत्तराखंड, उत्तर पूर्व के राज्यों तथा जम्मू कश्मीर व लद्दाख में पंचायत प्रतिनिधियों को प्रशिक्षित किया गया.
- संसद में महान विभूतियों की जयंती पर आयोजित होने वाले पुष्पांजलि कार्यक्रमों में स्कूली विद्यार्थियों व युवाओं को आमंत्रित करने का नवाचार.
- संसद में 1854 से 2024 तक हुई चर्चाओं का डिजिटलाइजेशन कर उन्हें ऑनलाइन उपलब्ध करवा दिया गया है.
G-20 की तर्ज पर P-20 का किया आयोजन :
- ओम बिरला की अध्यक्षता में जी-20 देशों की संसदों (पार्लियामेंट) का पी-20 सम्मेलन 13 और 14 अक्टूबर को नई दिल्ली स्थित यशोभूमि परिसर में आयोजित किया गया.
- एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य के लिए संसदें विषय पर आयोजित पी-20 सम्मेलन अब तक सबसे सफल पी-20 आयोजन रहा.
- सम्मेलन में 23 देशों या समूहों से 34 अध्यक्ष व उपाध्यक्ष सम्मिलित हुए.
- ओम बिरला के मार्गदर्शन में संयुक्त वक्तव्य पर आम सहमति बनना सम्मेलन की गौरवशाली उपलब्धि रही.
कई देशों से संबंध सुधारने का किया काम :
- ओम बिरला ने अन्तरराष्ट्रीय संबंधों को प्रगाढ़ बनाने में अहम भूमिका निभाई.
- आईपीयू, कॉमनवेल्थ पार्लियामेंट्री एसोसिएशन और इन जैसे अनेक महत्वपूर्ण मंचों पर ओम बिरला ने भारत की वसुधैव कुटुम्बकम की गौरवशाली संस्कृति का मान बढ़ाया.
- ओम बिरला ने मालदीव, युगांडा, सर्बिया, जापान, कनाडा, ऑस्ट्रिया, इटली, वियतनाम, कम्बोडिया, सिंगापुर, मैक्सिको, सूरिनाम, इण्डोनेशिया, केन्या, तंजानिया, मंगोलिया, संयुक्त अरब अमिरात और बहरीन की यात्रा की.
- अर्मेनिया, दक्षिण अफ्रीका, यूरोपियन संसद, फ्रांस मैक्सिको, डेनमार्क, जर्मनी, कनाडा, वियतनाम, दक्षिण सूडान, इजराइल, भूटान, जाम्बिया, नेपाल, सूरिनाम से आए संसदीय शिष्टमंडलों की मेजबानी की.